बुधवार को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन बिल 2024 को लोकसभा में पेश किया। इस बिल को “उम्मीद” (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया गया है। बिल को केंद्र की सहयोगी पार्टियों TDP, JDU और LJP का समर्थन मिला, जबकि शिवसेना (UBT) के सांसद अरविंद सावंत ने अपने रुख को स्पष्ट नहीं किया। चर्चा के दौरान रिजिजू ने 58 मिनट तक अपनी बात रखी और कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 123 प्राइम प्रॉपर्टी दिल्ली वक्फ बोर्ड को सौंप दी गई थीं।
सरकार का रुख: वक्फ संपत्तियों पर पारदर्शिता जरूरी
रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि अगर इस संशोधन को पेश नहीं किया जाता, तो भविष्य में कई महत्वपूर्ण इमारतों और सरकारी संपत्तियों पर वक्फ का दावा किया जा सकता था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार की मंशा पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करना है। उनका दावा था कि अगर मोदी सरकार सत्ता में नहीं आई होती, तो कई संपत्तियां गैर-अधिसूचित हो सकती थीं। वहीं, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि “भारत को वक्फ के खौफ से आज़ादी चाहिए”, जिससे सदन में बहस और गरम हो गई।
विपक्ष और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कड़ा रुख
इस बिल को लेकर विपक्षी दलों में मतभेद नजर आए, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने खुलकर इसका विरोध किया। बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि अगर यह बिल संसद में पास होता है, तो देशभर में इसका शांतिपूर्ण विरोध किया जाएगा। बोर्ड का मानना है कि यह बिल मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और उनके अधिकारों को सीमित करने का प्रयास है। विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया भी मिली-जुली रही, जिससे साफ जाहिर होता है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में राजनीतिक विवाद और बहस का केंद्र बना रहेगा।

विपक्ष का विरोध: ‘दुआ करने से रोक रही सरकार’
सपा सांसद मोहिब्बुल्लाह ने वक्फ संशोधन बिल 2024 का कड़ा विरोध किया और सरकार पर धार्मिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “यह सूफियों, ऋषियों और मुनियों का देश है, लेकिन सरकार अब दुआ करने से भी रोक रही है।” उन्होंने सवाल उठाया कि अब इमाम को अपने इमाम होने का सबूत देना होगा, और अगर 600 साल पुरानी मस्जिद का कागज नहीं मिलता, तो उसे वक्फ संपत्ति नहीं माना जाएगा। उनका मानना है कि इस बदलाव से धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को नुकसान पहुंचेगा और इससे गलत संदेश जाएगा।
LJP का पलटवार: ‘विपक्ष मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहा’
LJP (राम विलास पासवान) के सांसद अरुण भारती ने विपक्ष के विरोध को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल एक राजनीतिक षडयंत्र और प्रायोजित राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा मस्जिदों और दरगाहों के मुद्दे उठाकर असल चर्चा से बचने की कोशिश करता है। भारती ने आरोप लगाया कि विपक्ष वास्तविक मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहता, क्योंकि इससे उन पर सवाल उठ सकते हैं। उनका कहना था कि सरकार पारदर्शिता और न्याय की दिशा में आगे बढ़ रही है, लेकिन विपक्ष धार्मिक भावनाओं को भड़काकर बहस को भटकाने की कोशिश कर रहा है।



