मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राज्य में बढ़ती गर्मी को ध्यान में रखते हुए जल संरक्षण के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वे आम जनता के लिए शीतल जल की सुविधा सुनिश्चित करें। इसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ और छायादार स्थानों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करें और ‘जल बचाएं, जीवन बचाएं’ के संदेश को अपनाएं।
चीता प्रोजेक्ट से जैव विविधता और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
सीएम मोहन यादव ने चीता प्रोजेक्ट को राज्य के विकास का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि कूनो में चीता ‘गामिनी’ और उसके शावकों को बाड़े से मुक्त कर जंगल में विचरण के लिए छोड़ा जाएगा। यह पहल जैव विविधता संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी लेकर आएगी। सीएम ने कहा कि इस परियोजना से मध्य प्रदेश वन्यजीव संरक्षण में नई मिसाल कायम कर रहा है।

शोक संदेश: अरविंद सिंह मेवाड़ और मनीष शंकर शर्मा को दी श्रद्धांजलि
सीएम मोहन यादव ने अरविंद सिंह मेवाड़ और मनीष शंकर शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दोनों महान हस्तियों ने समाज के लिए सराहनीय योगदान दिया है, जिसकी भरपाई कर पाना मुश्किल है। मुख्यमंत्री ने उनके परिवारजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए दुख की इस घड़ी में धैर्य रखने की कामना की।
अरविंद सिंह मेवाड़ को मुख्यमंत्री की श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाराणा प्रताप के वंशज और मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अरविंद सिंह मेवाड़ का जीवन भारतीय समाज और जनकल्याण को समर्पित रहा। उन्होंने मेवाड़ राजवंश की समृद्ध विरासत को गरिमा के साथ संजोए रखा। मुख्यमंत्री ने बाबा महाकाल से स्व. मेवाड़ की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
चीता प्रोजेक्ट से पर्यटन और अर्थव्यवस्था को नई दिशा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में मादा चीता गामिनी और उसके चार शावकों के खुले जंगल में छोड़े जाने को प्रदेश के लिए गौरव का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना न केवल जैव विविधता संरक्षण में अहम भूमिका निभा रही है, बल्कि चंबल क्षेत्र में पर्यटन को भी प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस प्रयास को प्रदेश के वन विभाग की मेहनत का परिणाम बताया, जिससे चीतों का कुनबा निरंतर बढ़ रहा है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।



