
हश मनी केस में अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ी राहत मिल गई है। कोर्ट ने सभी 34 आरोपों से डोनाल्ड ट्रंप को बिना शर्त बरी कर दिया है। शुक्रवार को ट्रंप कोर्ट की सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। इस फैसले से उनके व्हाइट हाउस में बतौर राष्ट्रपति दूसरे कार्यकाल के लिए लौटने का रास्ता भी साफ हो गया है।
दरअसल, यह मामला 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान का है। ट्रंप ने अपने एक सहयोगी के माध्यम से पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1 लाख 30 हजार डॉलर का भुगतान किया था ताकि वह उनके साथ यौन संबंध बनाने की बात पर चुप्पी साध कर रखें। बीते साल मई में ट्रंप दोषी ठहराए गए थे। पूर्व राष्ट्रपति ने पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के लिए भुगतान करने से जुड़े मामले में उच्चतम न्यायालय से सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने ट्रंप की याचिका खारिज कर दी थी, जिससे न्यायमूर्ति मर्चेन के लिए शुक्रवार को उनकी सजा का ऐलान करने का रास्ता साफ हो गया था। हालांकि, न्यायमूर्ति मर्चन ने संकेत दिए थे कि वह ट्रंप को जेल की सजा नहीं सुनाएंगे और न ही उन पर कोई जुर्माना या प्रतिबंध लगाएंगे।
मैनहेट्टन की एक अदालत के न्यायाधीश जुआन एम मर्चन हश मनी मामले में 78 वर्षीय ट्रंप को चार साल की जेल की सजा सुना सकते थे। हालांकि, उन्होंने एक ऐसा फैसला चुना, जिसने मामले का प्रभावी ढंग से निपटारा करते हुए कई संवैधानिक मुद्दों को पनपने से रोक दिया। ट्रंप अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर काबिज होने वाले पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी करार देते हुए औपचारिक सजा सुनाई गई। फैसला सुनाते हुए जज मर्चेन ने इस केस को असाधारण मामला करार दिया। उन्होंने कहा कि इस केस में बड़ा विरोधाभास है। साथ ही कोर्ट ने दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें शुभकामनाएं भी दीं।


