बजट सत्र के दूसरे चरण से पहले देश के राजनीतिक हालात गरमाते नजर आ रहे हैं। संसद के दोनों सदनों में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक की संभावना जताई जा रही है। विपक्ष ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने का संकेत दिया है, जबकि सरकार अपनी नीतियों और बिलों पर अडिग दिखाई दे रही है। इससे संसद में शोर-शराबा और बहस के तीखे दौर देखने को मिल सकते हैं।
वित्त विधेयक और मणिपुर का बजट प्रमुख मुद्दे
सरकार की प्राथमिकता वित्त विधेयक-2025 को पारित कराना है, जो देश की आर्थिक दिशा को तय करेगा। इसके अलावा, राष्ट्रपति शासन के तहत मणिपुर का वार्षिक बजट भी संसद में पेश किया जाना है। इन दोनों मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। मणिपुर के राजनीतिक हालात को लेकर विपक्ष पहले से ही सरकार पर हमलावर है, जिससे इस सत्र के दौरान गर्मागर्म बहस होना तय माना जा रहा है।
विवादित बिलों पर विपक्ष का विरोध
सरकार ने इस सत्र में वक्फ संशोधन बिल, त्रिभुवन सहकारी बिल समेत लगभग तीन दर्जन नए बिल पेश करने की योजना बनाई है। खासकर वक्फ बिल और नए आयकर बिल को लेकर विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इन बिलों को लेकर सरकार पर निशाना साधने की रणनीति बना चुका है। ऐसे में संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण सियासी घमासान का अखाड़ा बनने के पूरे आसार हैं।

मणिपुर का बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को मणिपुर का बजट लोकसभा में पेश करेंगी। इसके साथ ही वह बजट की अनुदान मांगें भी सदन के पटल पर रखेंगी, जिस पर लोकसभा में चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय बिल-2025 को लोकसभा में पेश करेंगे। इस बिल के जरिए गुजरात के आणंद में एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को सहकारी क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना है।
विपक्ष के तीखे हमले के आसार
बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष सरकार पर हमलावर रुख अपनाने की तैयारी कर चुका है। विपक्ष का फोकस मुख्य रूप से मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और मणिपुर की हालिया घटनाओं पर सरकार को घेरने पर रहेगा। इन मुद्दों पर विपक्ष सरकार को बैकफुट पर लाने की रणनीति में जुटा है, जिससे सत्र के दौरान गरमागरम बहस देखने को मिल सकती है।
सरकार का फोकस अहम विधेयकों पर
सरकार का मुख्य ध्यान बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने, मणिपुर के बजट के लिए अनुमोदन प्राप्त करने और वक्फ संशोधन विधेयक को पारित कराने पर केंद्रित है। गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए संसद में वैधानिक प्रस्ताव भी पेश कर सकते हैं। संसद का यह दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा और टकराव के आसार हैं।



