भारत और अमेरिका के बीच जल्द ट्रेड डील संभव, टैरिफ 50% से घटकर 15% हो सकता है; भारत अमेरिकी मक्का और एथेनॉल की खरीद बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही ट्रेड डील होने की संभावना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की चुनिंदा वस्तुओं पर लगने वाला 50% अमेरिकी टैरिफ घटकर 15% किया जा सकता है। वार्ता में ऊर्जा और कृषि सेक्टर मुख्य फोकस में हैं, जहां भारत कुछ रियायतें देने पर विचार कर सकता है। अमेरिकी पक्ष का मानना है कि भारत धीरे-धीरे रूसी कच्चे तेल की खरीद में कमी लाएगा और नॉन-जीएम मक्का व सोयामील के लिए अमेरिकी बाजार को अधिक खोल सकता है।
अमेरिकी पनीर पर सख्त रुख बरकरार
भारत ने स्पष्ट किया है कि नॉन-जीएम मक्का पर वर्तमान 15% टैक्स को कम नहीं किया जाएगा। वहीं अमेरिका भारत में प्रीमियम चीज़ (पनीर) की एंट्री चाहता है, लेकिन भारत फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं है। ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ में 25% सामान्य शुल्क और 25% रूस से तेल खरीदने पर पेनल्टी शामिल है। फिलहाल भारत अपनी तेल जरूरतों का 34% रूस से और करीब 10% अमेरिका से आयात करता है।
ट्रम्प की ईगो से अटकी भारत-अमेरिका ट्रेड डील
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल के मुताबिक, भारत-अमेरिका ट्रेड डील फिलहाल ट्रम्प की टेबल पर अटकी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत अपने घरेलू हितों से समझौता नहीं करेगा, लेकिन अमेरिका को एक अहम ट्रेडिंग पार्टनर के रूप में मानता है। ट्रम्प ने यूरोपियन यूनियन, जापान और दक्षिण कोरिया पर दबाव डालकर समझौते किए, लेकिन भारत के साथ यह आसान नहीं था। इसी वजह से ट्रम्प भारत के प्रति “हॉट-कोल्ड” यानी बदलते रुख की नीति अपना रहे हैं।
50% टैरिफ से घटा एक्सपोर्ट
अमेरिका द्वारा लगाए गए कुल 50% टैरिफ के कारण भारत का करीब ₹85,000 करोड़ का निर्यात प्रभावित हुआ है। इनमें 25% जवाबी शुल्क और 25% रूस से तेल खरीद पर पेनल्टी शामिल है। ट्रम्प प्रशासन ने यह आदेश अगस्त 2025 में लागू किया था। इसके बावजूद भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है। अप्रैल-जुलाई 2025 में भारत का अमेरिका को निर्यात 21.64% बढ़कर 33.53 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिससे अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है।


