प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा प्रवक्ताओं को संयम, शालीनता और पूरी तैयारी के साथ टीवी बहस में शामिल होने की सलाह दी, साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार की योजनाएं जनता तक पहुंचाने पर ज़ोर दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं के साथ अपने सरकारी आवास पर हुई बैठक में साफ संदेश दिया कि सत्ता में होने का मतलब जिम्मेदारी और शालीनता है। उन्होंने कहा कि टीवी डिबेट में भाग लेने से पहले हर प्रवक्ता को विषय की गहन समझ और पूरी तैयारी करनी चाहिए। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया के प्रभाव को समझने और उसे सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं, नीतियां और उपलब्धियां आम जनता तक रील्स, शॉर्ट वीडियो और डिजिटल टूल्स के जरिए पहुंचनी चाहिए, ताकि भरोसे और संवाद की प्रक्रिया और मजबूत हो सके।
सत्ता में हैं तो दिखे शालीनता और विनम्रता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के प्रवक्ताओं को संबोधित करते हुए साफ शब्दों में कहा कि सत्ता के साथ विनम्रता अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि एक सत्तारूढ़ पार्टी के प्रतिनिधियों के व्यवहार में शालीनता, गंभीरता और भाषा पर संयम दिखना चाहिए। लोगों की आपसे अपेक्षाएं अधिक होती हैं, और हमारे 11 वर्षों के कार्यकाल ने इन उम्मीदों को और ऊंचा किया है। ऐसे में किसी भी प्रकार का अभिमान या आक्रामकता, पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकती है।
सोशल मीडिया को बनाएं संवाद का प्रभावी माध्यम
पीएम मोदी ने जोर देते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं और नीतियों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए हर डिजिटल प्लेटफॉर्म का बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए। खासतौर पर रील्स, शॉर्ट स्टोरीज़ और अन्य सोशल मीडिया टूल्स को अपनाने से प्रचार में नयापन आएगा और युवा वर्ग से सीधा जुड़ाव भी बन सकेगा। उन्होंने प्रवक्ताओं से अपील की कि वे इस दिशा में सक्रियता दिखाएं और तकनीक के साथ संवाद की नई भाषा विकसित करें।
अनुभव साझा कर दिया तैयारी का मंत्र
बैठक में प्रधानमंत्री ने न सिर्फ प्रवक्ताओं की बातें सुनीं बल्कि अपने संगठनात्मक अनुभव भी साझा किए। उन्होंने बताया कि पहले प्रचार करना कितना चुनौतीपूर्ण होता था और अब किस तरह डिजिटल युग ने अवसर बढ़ा दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने हर प्रवक्ता को टीवी डिबेट या प्रेस कांफ्रेंस में जाने से पहले गहन अध्ययन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि तथ्यों के साथ गंभीरता से बात रखें ताकि आपकी बात सिर्फ बोले नहीं, बल्कि भरोसे से सुनी जाए।


