प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में महाकुंभ को लेकर अपने संबोधन में इसे ‘एकता का अमृत’ करार दिया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आध्यात्मिक चेतना के साथ राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए। पीएम मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोने में महाकुंभ के माध्यम से उत्साह और उमंग देखने को मिली, जिसमें युवा पीढ़ी ने भी पूरे भाव से भाग लिया।
महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को मिला जवाब
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि महाकुंभ पर सवाल उठाने वालों को इसके आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का जवाब मिल चुका है। उन्होंने बताया कि महाकुंभ में देश की सामूहिक चेतना का प्रतीक देखने को मिला, जो भारत की ‘अनेकता में एकता’ की ताकत को दर्शाता है। पीएम मोदी ने अपनी मॉरीशस यात्रा का जिक्र करते हुए बताया कि वहां के गंगा तालाब में त्रिवेणी का पवित्र जल डाला गया, जो भारतीय संस्कृति की व्यापकता को दर्शाता है।

राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि और रोजगार का उठाया मुद्दा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के वक्तव्य का समर्थन करते हुए महाकुंभ को भारतीय परंपरा, संस्कृति और इतिहास का प्रतीक बताया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को उन लोगों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए थी, जिन्होंने भगदड़ में अपनी जान गंवाई। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जो युवा महाकुंभ में गए थे, वे रोजगार की उम्मीद लेकर लौटे हैं, और प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर भी अपनी बात रखनी चाहिए थी।
महाकुंभ का अमृत: संकल्पों की सिद्धि का माध्यम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को भारतीय संकल्पों की सिद्धि का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ से प्रेरणा लेकर देश में नदियों की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ानी होगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महाकुंभ ने यह संदेश दिया कि ‘नदी उत्सव’ जैसे आयोजनों को बढ़ावा देने से जल संरक्षण को बल मिलेगा और आने वाली पीढ़ियों को पानी के महत्व का अहसास होगा। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि महाकुंभ से निकला अमृत भारत के विकास और संकल्प पूर्ति में बड़ी भूमिका निभाएगा।
महाकुंभ: एकता और भारतीय संस्कृति का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति में एकता का प्रतीक है, जहां अलग-अलग क्षेत्रों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोग एकजुट होकर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को दर्शाते हैं। उन्होंने इसे भारत की अद्वितीय विशेषता बताया और कहा कि विश्व में जहां विखंडन का माहौल है, वहीं महाकुंभ जैसी एकता का प्रदर्शन भारत की ताकत को दर्शाता है। उन्होंने आधुनिक युवा पीढ़ी को अपनी परंपरा, आस्था और सांस्कृतिक विरासत से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि यही भाव देश के आत्मविश्वास और भाईचारे को मजबूत करता है।



