ट्रम्प सलाहकार ने मोदी के पुतिन-जिनपिंग संग दिखने को शर्मनाक बताया, वहीं US वित्तमंत्री ने SCO बैठक को दिखावा करार दिया।

ट्रम्प के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के नेताओं से नजदीकी पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह रूस से सस्ते तेल की खरीद कर न सिर्फ मुनाफा कमा रहा है, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन पर हमले के लिए रूस को ताकत दे रहा है। नवारो ने यहां तक कहा कि भारत रूस की “धुलाई मशीन” बन गया है, जिससे व्यापार असंतुलन बढ़ रहा है और अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंच रहा है।
US वित्तमंत्री ने SCO बैठक को बताया दिखावा
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी भारत की रूस से तेल खरीद पर सवाल उठाए और इसे मॉस्को की युद्ध मशीन को सहारा देने वाला कदम बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की हालिया SCO बैठक को “दिखावा” करार दिया और भारत को “बुरा खिलाड़ी” बताया। हालांकि, बेसेंट ने यह भी कहा कि अमेरिका और भारत दोनों मजबूत लोकतंत्र हैं और मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है।
SCO समिट में मोदी-पुतिन-जिनपिंग की एकजुटता
चीन के तियानजिन में हुई SCO बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ नजर आए। फोटो सेशन में तीनों नेताओं ने एक-दूसरे का हाथ पकड़कर एकजुटता का संदेश दिया। इसके बाद पीएम मोदी सीधे पुतिन की कार में बैठकर द्विपक्षीय वार्ता के लिए पहुंचे, जहां दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक गोपनीय बातचीत हुई। इन तस्वीरों को पश्चिमी मीडिया ने ट्रम्प के खिलाफ तीनों देशों की संभावित रणनीतिक एकजुटता के रूप में पेश किया।
नवारो का भारत पर तीखा हमला
ट्रम्प के पूर्व सलाहकार पीटर नवारो ने इस बैठक और भारत की रूस-चीन नजदीकी पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने पहले भी रूस-यूक्रेन जंग को “मोदी वॉर” करार देते हुए कहा था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर रिफाइन कर ऊंचे दामों पर बेच रहा है, जिससे मॉस्को को युद्ध के लिए पैसा मिल रहा है। नवारो ने चेताया कि भारत तानाशाहों के साथ खड़ा हो रहा है, जबकि चीन ने उसके इलाकों पर कब्जा कर रखा है और रूस भी भरोसेमंद दोस्त नहीं है। उन्होंने कहा था कि अगर भारत तेल खरीद बंद कर दे तो अमेरिका तुरंत 25% टैरिफ हटा देगा।


