प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के राजकीय दौरे पर मॉरीशस पहुंचे, जहां उनका पारंपरिक और गरिमामय स्वागत किया गया। एयरपोर्ट पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी अपने होटल पहुंचे, जहां भारतीय प्रवासियों ने ‘भारत माता की जय’ के नारों और तिरंगे लहराकर उनका अभिनंदन किया। खास बात यह रही कि स्वागत समारोह में मॉरीशस की महिलाओं ने पारंपरिक बिहारी ‘गीत गवई’ प्रस्तुत किया, जिसे सुनकर पीएम मोदी ने ताली बजाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की।
भारत-मॉरीशस संबंधों को मिलेगी नई दिशा
पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। भारत और मॉरीशस के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को देखते हुए यह दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मोदी की यह यात्रा 2015 के बाद मॉरीशस की उनकी दूसरी यात्रा है, जो दोनों देशों के रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाएगी।
भारतीय सैन्य टुकड़ी का होगा विशेष प्रदर्शन
मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में भारतीय सशस्त्र बलों की विशेष भागीदारी देखने को मिलेगी। भारतीय सेना की एक टुकड़ी, नौसेना का एक वॉरशिप और एयरफोर्स की ‘आकाश गंगा’ स्काई डाइविंग टीम इस समारोह का हिस्सा बनेगी। यह प्रदर्शन भारत की सैन्य शक्ति और मॉरीशस के साथ उसके विशेष संबंधों का प्रतीक होगा। पीएम मोदी मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह में शामिल होंगे, जिससे इस आयोजन का महत्व और भी बढ़ जाएगा।

व्यापार और सुरक्षा सहयोग पर होगा फोकस
पीएम मोदी की मॉरीशस यात्रा के दौरान ग्लोबल ट्रेड, अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव और समुद्री सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। दोनों देशों के बीच डिफेंस, व्यापार, क्षमता निर्माण और समुद्री सुरक्षा में सहयोग को लेकर वार्ता होगी। हिंद महासागर में साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए भारत और मॉरीशस के बीच सामरिक सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाएगा।
व्हाइट-शिपिंग समझौते पर हस्ताक्षर संभव
इस यात्रा के दौरान भारत और मॉरीशस के बीच ‘व्हाइट-शिपिंग’ जानकारी साझा करने को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। व्हाइट-शिपिंग के तहत कॉमर्शियल और गैर-सैन्य जहाजों की आवाजाही से जुड़ी जानकारी का आदान-प्रदान किया जाता है, जिससे समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलेगी। यह समझौता हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
भारत ने चागोस द्वीप पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया
पीएम मोदी की यात्रा से पहले भारत ने एक बार फिर चागोस द्वीप पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि भारत की विदेश नीति हमेशा से वि-उपनिवेशीकरण का समर्थन करती रही है, इसी के तहत चागोस द्वीप के मुद्दे पर मॉरीशस का समर्थन किया गया। ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच 50 साल से चल रहे विवाद के बाद भारत की मध्यस्थता से दोनों पक्षों में समझौता हुआ, जिसके तहत 60 द्वीपों से बने चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को सौंपा गया। हालांकि, समझौते के तहत डिएगो गार्सिया आइलैंड पर स्थित अमेरिका-ब्रिटेन का जॉइंट मिलिट्री बेस अगले 99 वर्षों तक बना रहेगा।



