ओडिशा के कटक में रविवार को हुए रेल हादसे ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेंगलुरु-कामाख्या सुपरफास्ट एक्सप्रेस (12551) के 11 AC कोच पटरी से उतरने के बाद रेलवे के शुरुआती बयान में कहा गया था कि सभी यात्री सुरक्षित हैं। हालांकि, घटना में एक यात्री की मौत और 25 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। हादसे के तुरंत बाद मेडिकल और इमरजेंसी टीमों को मौके पर भेजा गया, जबकि प्रभावित यात्रियों के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई।
रेलवे की लापरवाही या गलत जानकारी?
ईस्ट कोस्ट रेलवे के PRO अशोक मिश्रा द्वारा दिए गए बयान में कहा गया था कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ है, लेकिन न्यूज एजेंसी ANI की ओर से जारी विजुअल्स में घायल यात्रियों को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा गया। इस विरोधाभासी जानकारी से रेलवे प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। हादसे के कारणों की जांच जारी है, जबकि तीन अन्य ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। यात्रियों का कहना है कि ट्रेन की गति अधिक नहीं थी, लेकिन झटका इतना तेज था कि कई डिब्बे पटरी से उतर गए।

रेलवे प्रशासन की प्राथमिकता: बहाली और जांच
रेलवे प्रशासन ने हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। दुर्घटना राहत ट्रेन और आपातकालीन चिकित्सा उपकरणों को घटनास्थल पर भेजा गया, जबकि डीआरएम खुर्दा रोड, जीएम ईस्ट कोस्ट रेलवे (ECoR) और अन्य वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि दुर्घटना के सही कारण का पता जांच के बाद चलेगा। फिलहाल उनकी प्राथमिकता प्रभावित ट्रेनों को डायवर्ट करना और ट्रैक की बहाली का काम जल्द से जल्द पूरा करना है, ताकि रेल यातायात सामान्य किया जा सके।
असम सरकार का सहयोग, हेल्पलाइन नंबर जारी
हादसे के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए आश्वासन दिया कि असम सरकार रेलवे और ओडिशा प्रशासन के संपर्क में है। प्रभावित यात्रियों को हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। यात्रियों की सहायता के लिए रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर 8455885999 और 8991124238 जारी किए हैं। इसके अलावा, हादसे के कारण धौली एक्सप्रेस, नीलाचल एक्सप्रेस और पुरुलिया एक्सप्रेस का मार्ग परिवर्तित किया गया है। प्रशासन का कहना है कि फंसे हुए यात्रियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।



