अरबपति उद्यमी एलन मस्क ने अमेरिका में नई राजनीतिक पार्टी ‘अमेरिका पार्टी’ के गठन का ऐलान किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए कहा कि इस पार्टी का उद्देश्य नागरिकों को “उनकी आज़ादी वापस दिलाना” है। 4 जुलाई, अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस पर उन्होंने एक पोल चलाया था, जिसमें 65.4% लोगों ने नई पार्टी बनाने का समर्थन किया।

रिपब्लिकन-डेमोक्रेट को बताया एक जैसा
मस्क ने दो प्रमुख राजनीतिक दलों – रिपब्लिकन और डेमोक्रेट – पर निशाना साधते हुए कहा कि जब बात देश को बर्बाद करने या भ्रष्टाचार की आती है, तो दोनों पार्टियां एक जैसी हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका को अब दो पार्टी सिस्टम से मुक्ति मिलनी चाहिए, और ‘अमेरिका पार्टी’ इसी बदलाव की शुरुआत है।
अमेरिका का टू-पार्टी सिस्टम
अमेरिका की राजनीति में बीते 150 वर्षों से डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टियों का ही दबदबा रहा है। राष्ट्रपति चुनाव से लेकर राज्यों की विधानसभाओं तक यही दोनों पार्टियां निर्णायक भूमिका निभाती हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की शुरुआत 1828 में हुई और यह सामाजिक कल्याण और नागरिक अधिकारों की समर्थक रही है। वहीं, रिपब्लिकन पार्टी 1854 में गुलामी के विरोध से शुरू हुई और अब टैक्स कट और व्यापार समर्थक नीतियों की पक्षधर है। अमेरिका का चुनावी सिस्टम—जैसे फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट, इलेक्टोरल कॉलेज, फंडिंग असमानता और बैलेट एक्सेस की जटिलताएं—तीसरी पार्टी के लिए रास्ता लगभग बंद कर देती हैं।
मस्क vs ट्रम्प: बिग बिल पर खुला टकराव
टैक्स और खर्च में कटौती करने वाले ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ को लेकर एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रम्प आमने-सामने आ गए थे। ट्रम्प का आरोप था कि जब इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्यता को खत्म करने की बात हुई, तो मस्क भड़क उठे। जवाब में मस्क ने ट्रम्प को “एहसान फरामोश” बताया और कहा कि ट्रम्प ने जो चुनाव जीता, उसमें उनकी भूमिका अहम थी। मस्क का दावा था कि यह बिल अमेरिका में लाखों नौकरियां खत्म करेगा और देश को रणनीतिक नुकसान होगा। बावजूद इसके, ट्रम्प ने 4 जुलाई को इस बिल पर हस्ताक्षर कर इसे कानून बना दिया।


