कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पिछले 20 वर्षों से ‘इन्वेस्टमेंट’ के नाम पर सिर्फ ‘इवेंट मैनेजमेंट’ कर रही है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर समिट महज़ पोस्टर, होर्डिंग और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सिमट कर रह गई है।

कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की इन्वेस्टर समिट महज़ दिखावा बनकर रह गई हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 11 से अधिक समिट आयोजित हो चुकी हैं और हजारों MOU साइन हुए, लेकिन 80% से ज्यादा निवेश जमीन पर उतरा ही नहीं। सरकार सिर्फ प्रचार करती रही, जबकि गांव और ज़िला स्तर पर इसका कोई असर नहीं दिखा।
2023-24 का निवेश सिर्फ आंकड़ों का खेल
पटवारी ने 2023-24 में घोषित तीन लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश को “आंकड़ों का भ्रमजाल” बताया। उन्होंने कहा कि इन घोषणाओं में से 10% से भी कम निवेश वास्तव में धरातल पर आया है। 20 वर्षों में भाजपा सरकार ने सिर्फ खोखले दावे किए, न स्थायी उद्योग लगे और न ही MSME को बढ़ावा मिला। रोजगार सृजन की कोई ठोस नीति सामने नहीं आई।
कृषि और रोजगार पर सरकार की नाकामी: पटवारी
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर किसानों और युवाओं की उपेक्षा का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में कृषि आधारित उद्योगों, प्रोसेसिंग यूनिट और कोल्ड स्टोरेज जैसी ज़रूरी संरचनाओं का विकास नहीं हुआ। मंडियों की हालत खराब है और MSP पर खरीदी में गड़बड़ियां हो रही हैं। पटवारी ने कहा कि यह सरकार सिर्फ जुमले देती है, ज़मीन पर कुछ नहीं करती।
बेरोजगारी बढ़ी, उद्योग नदारद
पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल को लेकर सवाल खड़े किए और कहा कि कोई बड़ा उद्योग या रोजगार योजना शुरू नहीं हुई है। युवाओं को ट्रेनिंग और नियुक्ति के ठोस आंकड़े सरकार के पास नहीं हैं। उन्होंने पूछा कि इन्वेस्टर समिट और करोड़ों के निवेश दावों के बाद भी ज़मीनी स्तर पर असर क्यों नहीं दिखता? बेरोजगारी दर लगातार बढ़ रही है, खासकर पढ़े-लिखे युवाओं में। अब प्रदेश को दिखावे नहीं, काम करने वाली सरकार चाहिए।


