पटेल नगर स्थित इस्कॉन भोपाल मंदिर में श्रद्धा और उल्लास के साथ भव्य गोवर्धन पूजा महोत्सव संपन्न हुआ, जिसमें हजारों भक्तों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इस्कॉन भोपाल में गोवर्धन पूजा महोत्सव की शुरुआत मंगल आरती और हरिनाम संकीर्तन के साथ हुई। इस्कॉन यूथ फोरम, गर्ल्स फोरम, गृहस्थ भक्तों और ब्रह्मचारी भक्तों ने उत्साहपूर्वक सेवा कर आयोजन को सफल बनाया।
प्रवचन में बताया गोवर्धन पर्वत का आध्यात्मिक महत्व
इस्कॉन अध्यक्ष अच्युत कृष्ण प्रभु जी ने प्रवचन में कहा कि गिरिराज गोवर्धन भगवान श्रीकृष्ण के ही विस्तार हैं। उन्होंने इंद्र का अभिमान तोड़ने हेतु सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर धारण किया। श्रद्धा से गोवर्धन की परिक्रमा करने वाला भक्त वृंदावन प्रेम की प्राप्ति करता है।
गोवर्धन पूजा: प्रकृति और भक्ति का अद्भुत संगम
गोवर्धन पूजा महोत्सव ने भक्ति के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ गौमाता, भूमि और प्रकृति की रक्षा का संकल्प लिया, जिससे यह पर्व आस्था और संवेदना का प्रतीक बन गया।
गोबर से निर्मित गोवर्धन पर्वत की दिव्य झांकी
इस अवसर पर गोबर से बनी विशाल गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा को पुष्पमालाओं, दीपों और पत्तों से भव्य रूप में सजाया गया। गिरिराज जी की आरती, गौ पूजन और अन्नकूट भोग के बाद भक्तों ने हरिनाम संकीर्तन के साथ परिक्रमा की। अंत में सभी भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया, जबकि श्री श्री राधा वल्लभ जी को आकर्षक वस्त्रों से अलंकृत किया गया।


