केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चित्रकूट में नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ व्यक्तित्व ऐसे होते हैं जो समय की सीमाओं से परे जाकर अपना प्रभाव छोड़ते हैं। नानाजी देशमुख भी उन्हीं महान व्यक्तियों में से एक थे, जिन्होंने अपने विचारों और कार्यों से देश के सामाजिक व राजनीतिक परिदृश्य को एक नई दिशा दी। उनका योगदान केवल एक कालखंड तक सीमित नहीं रहा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करता रहेगा।
विदेश और आर्थिक नीतियों पर कांग्रेस पर निशाना
अमित शाह ने अपने संबोधन में कांग्रेस सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब भारत आजाद हुआ, तब देश की विदेश, आर्थिक, शिक्षा और कृषि नीतियों में भारत की मिट्टी की खुशबू नहीं थी। उस समय नानाजी देशमुख और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुषों ने भारतीय मूल्यों को केंद्र में रखते हुए राष्ट्रवाद और विकास की नई अवधारणा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सिद्धांतों को अपनाने के बजाय हमें अपनी परंपराओं और संस्कृति के आधार पर नीतियां बनानी चाहिए थीं।
भारत को अपनी जड़ों से जोड़ने का प्रयास
अमित शाह ने कहा कि नानाजी देशमुख ने अपने जीवनभर ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का काम किया। उनका मानना था कि भारत का वास्तविक विकास तभी संभव है जब समाज के अंतिम व्यक्ति तक संसाधनों और अवसरों की उपलब्धता हो। इसी विचारधारा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ग्रामीण उत्थान और स्वदेशी आंदोलन को मजबूत किया। उनका योगदान केवल राजनीति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजसेवा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किए।

अमित शाह का कांग्रेस पर निशाना
चित्रकूट में आयोजित भारत रत्न नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने पश्चिमी देशों से उठाए गए सिद्धांतों का हिंदीकरण कर नीतियां बनाने का काम किया। वहीं, पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद का सिद्धांत देकर बताया कि भारत की विदेश नीति कैसी होनी चाहिए और राष्ट्र के विकास का मॉडल अंत्योदय के रूप में प्रस्तुत किया।
नानाजी देशमुख को अमित शाह की श्रद्धांजलि
अमित शाह ने नानाजी देशमुख के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने गरीबों और पिछड़ों के उत्थान के लिए जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि जनता ही किसी नेता की राजनीति को खत्म कर सकती है और यही कारण है कि पक्ष हो या विपक्ष, किसी ने भी नानाजी देशमुख का विरोध करने का साहस नहीं किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव, कथावाचक मोरारी बापू समेत कई नेता और मंत्री उपस्थित रहे।



