लद्दाख में हालिया हिंसा के बाद आज केंद्र सरकार और लेह एपेक्स बॉडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के प्रतिनिधि पहली बार बातचीत करेंगे।

लद्दाख के प्रतिनिधि 22 अक्टूबर को दिल्ली में केंद्र सरकार के साथ संवाद करेंगे। यह बैठक मई के बाद दोनों पक्षों के बीच पहली औपचारिक बातचीत होगी। 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा के बाद से गतिरोध बना हुआ था, जिसमें चार लोगों की मौत और कई घायल हुए थे। लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लाकरुक ने बताया कि वार्ता केंद्रीय गृह मंत्रालय की उपसमिति के साथ होगी। बैठक में LAB और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) के तीन-तीन प्रतिनिधि, सांसद मोहम्मद हनीफा जान और उनके वकील मौजूद रहेंगे।
राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की सुरक्षा मुख्य एजेंडा
बातचीत का केंद्र बिंदु लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची के तहत विशेष सुरक्षा की मांग रहेगा। हिंसा के बाद LAB ने बातचीत से पहले अनुकूल माहौल की शर्त रखी थी, जिसमें मृतकों के परिजनों को मुआवजा, गिरफ्तार लोगों की रिहाई और न्यायिक जांच की मांग शामिल थी। केंद्र सरकार ने इन मांगों पर कार्रवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित कर दिया है। इस कदम से उम्मीद है कि लद्दाख में शांति और समाधान की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होगा।
अगली बैठक उच्च स्तरीय समिति के साथ
लेह एपेक्स बॉडी (LAB) के सह-अध्यक्ष चेरिंग दोरजे लाकरुक ने कहा कि उन्हें बातचीत से सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है। LAB की ओर से पूर्व सांसद ठुपस्तान छेवांग प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जबकि कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) की अगुआई को-चेयरमैन क़मर अली अखून और असगर अली करबलई करेंगे। बैठक के निष्कर्षों के बाद अगला दौर गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति के साथ आयोजित किया जाएगा, जिसमें लद्दाख के भविष्य को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।


