ईद-उल-फितर का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया गया। मस्जिदों और ईदगाहों में विशेष नमाज अदा की गई, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में इस बार महिलाओं के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए, जिससे वे भी नमाज अदा कर सकें। वाराणसी की जामा मस्जिद में इतनी भीड़ उमड़ी कि कई लोगों को सीढ़ियों पर ही नमाज अदा करनी पड़ी।
राजनीतिक नेताओं की शुभकामनाएं और बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को ईद की शुभकामनाएं देते हुए आशा, सौहार्द और दयालुता का संदेश दिया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में नमाज अदा कर प्रदेशवासियों को बधाई दी। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के ईदगाह में कहा कि वह धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर हैं और समाज में शांति बनाए रखना चाहती हैं। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने भी मस्जिद में नमाज अदा कर देश में एकता की प्रार्थना की।

वक्फ बिल के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन
इस बार देश के कई हिस्सों में वक्फ संशोधन बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर नमाज अदा की गई। तमिलनाडु के त्रिची में बड़ी संख्या में लोगों ने सड़कों पर नमाज पढ़कर विरोध दर्ज कराया, जबकि राजस्थान में कुछ श्रद्धालु काली पट्टी पहनकर ईदगाह पहुंचे। हालांकि, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद ने सभी से अपील की कि वे सड़कों पर नमाज न पढ़ें और कानून का पालन करें।
सांप्रदायिक सौहार्द्र और सुरक्षा व्यवस्था
देशभर में ईदगाहों और मस्जिदों के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। उत्तर प्रदेश में 30,000 मस्जिदों और 40,000 ईदगाहों में विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए, जबकि प्रयागराज में ड्रोन से निगरानी रखी गई। राजस्थान के जयपुर में हिंदू समुदाय के लोगों ने मुस्लिम श्रद्धालुओं पर फूल बरसाकर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की। इस तरह, देश में भाईचारे और प्रेम का संदेश देते हुए ईद का त्योहार मनाया गया।



