ई-स्पोर्ट्स अब केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक प्रतिस्पर्धात्मक खेल के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। एशियाई खेलों में इसे पदक खेल के रूप में शामिल करने के बाद, अब इसे ओलंपिक जैसी वैश्विक प्रतियोगिताओं में भी मान्यता मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इंडिया ई-स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2025 ने इस चर्चा को नई दिशा दी, जिसमें उद्योग जगत के विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों ने भारत में ई-स्पोर्ट्स की बढ़ती संभावनाओं और मौजूदा चुनौतियों पर गहन मंथन किया।
सरकार और उद्योग की भागीदारी से ई-स्पोर्ट्स में नए अवसर
भारत में ई-स्पोर्ट्स को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र दोनों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। इस कॉन्क्लेव में श्रीमती रक्षा निखिल खडसे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार डिजिटल कौशल और रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। क्राफ्टन इंडिया, इन्वेस्ट इंडिया, और अन्य प्रमुख उद्योग संगठनों की भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया कि ई-स्पोर्ट्स को केवल खेल के रूप में नहीं, बल्कि एक उभरते हुए आर्थिक अवसर के रूप में भी देखा जाए। इससे न केवल ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी, बल्कि यह युवाओं के लिए एक नई करियर संभावना भी बनेगा।

ई-स्पोर्ट्स और शिक्षा: भविष्य की नई दिशा
ई-स्पोर्ट्स को शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनाने की जरूरत पर भी इस कॉन्क्लेव में चर्चा हुई। श्रीमती श्रेया सिंघल, अतिरिक्त निदेशक – शिक्षा विभाग, ने इस विषय पर जोर देते हुए कहा कि ई-स्पोर्ट्स न केवल प्रतिस्पर्धात्मक खेल है, बल्कि यह युवाओं के डिजिटल कौशल को विकसित करने और करियर के नए अवसर प्रदान करने का महत्वपूर्ण माध्यम बन सकता है। यदि इसे शिक्षा के साथ जोड़ा जाए, तो छात्रों को संरचित करियर मार्ग मिल सकेगा और वे खेल और शिक्षा के बीच संतुलन बनाते हुए अपने भविष्य को बेहतर बना सकेंगे।

ई-स्पोर्ट्स में भारत की पदक संभावनाओं पर गहन मंथन
इंडिया ई-स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2025 में “ई-स्पोर्ट्स में भारत की पदक जीतने की संभावनाएं” विषय पर एक महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किया गया। विशेषज्ञों ने इस चर्चा में भाग लिया कि कैसे भारतीय खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाई जा सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि उच्च स्तरीय प्रशिक्षण, सरकार का समर्थन और एक दीर्घकालिक रणनीति अपनाकर भारत एशियाई खेलों और आगामी ई-स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन कर सकता है। इस सत्र ने न केवल ई-स्पोर्ट्स में भारत की वैश्विक पहचान को मजबूत करने की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत प्रतिस्पर्धात्मक गेमिंग के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में सरकार और निवेशकों की महत्वपूर्ण भूमिका
कार्यक्रम के समापन सत्र में श्री बंगारराजु जी ने ई-स्पोर्ट्स को मजबूत करने में सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने बताया कि सरकार, उद्योग जगत और शिक्षा क्षेत्र के संयुक्त प्रयासों से भारत को ई-स्पोर्ट्स का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने ई-स्पोर्ट्स नीति को और अधिक सुदृढ़ करने, निवेश को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों के लिए संरचित करियर मार्ग तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। भारत में ई-स्पोर्ट्स क्रांति के इस नए अध्याय में युवा खिलाड़ियों, निवेशकों और नीति-निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी से भारत जल्द ही डिजिटल खेलों की दुनिया में एक अग्रणी शक्ति बन सकता है।



