दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से 42% लोगों को गले में खराश और 25% को आंखों में जलन की शिकायत, वहीं चक्रवात ‘मोन्था’ को लेकर ओडिशा और आंध्र प्रदेश में हाई अलर्ट जारी।

दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा जहरीली हो गई है। अधिकांश इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 1000 के पार पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद लोगों ने पटाखे जलाए, जिससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया। 25 अक्टूबर की सुबह कई जगहों पर AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया। पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 77.5% कमी आने के बावजूद हवा में सुधार नहीं दिखा। WHO के मानक के अनुसार पीएम 2.5 का स्तर 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए, जबकि दिल्ली में यह 24 गुना अधिक पाया गया।
हर चार में से तीन परिवार प्रदूषण से प्रभावित
लोकल सर्किल्स के सर्वे के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के 25% परिवारों का कोई सदस्य आंखों में जलन, सिरदर्द या नींद न आने जैसी समस्या से जूझ रहा है। 42% घरों में गले में खराश या खांसी की शिकायत दर्ज की गई। सर्वे में 44 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें 61% पुरुष और 39% महिलाएं थीं। वहीं, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने से नया चक्रवात ‘मोन्था’ उभरने की संभावना है, जो 27 अक्टूबर तक मजबूत होकर ओडिशा तट की ओर बढ़ सकता है। इसका नाम थाईलैंड ने दिया है, जिसका अर्थ है “सुगंधित फूल।”
एक्सपर्ट ने दी सावधानी की सलाह
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता में फिलहाल सुधार के कोई संकेत नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। हवा में हल्का सुधार केवल उत्तर-पश्चिमी हवाओं या बारिश आने पर ही संभव है। डॉक्टर्स और एक्सपर्ट ने बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को घर में रहने, सुबह की सैर और खुले में व्यायाम से बचने, मास्क पहनने और विटामिन सी व पानी अधिक पीने की सलाह दी है।
ओडिशा-आंध्र में चक्रवात मोन्था को लेकर हाई अलर्ट
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन 26 अक्टूबर तक डीप डिप्रेशन में बदल जाएगा और 27 अक्टूबर की सुबह तक यह चक्रवात मोन्था में तब्दील होगा। तूफान 28 अक्टूबर की शाम या रात को आंध्र प्रदेश के काकीनाड़ा के पास तट से टकरा सकता है। हवाओं की गति 90–100 kmph तक हो सकती है। ओडिशा फायर विभाग, बालासोर प्रशासन और अन्य विभागों ने पूरी तैयारी कर ली है। गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है, सूखी राशन सामग्री का इंतजाम किया गया है और मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है।


