दिल्ली की नई भाजपा सरकार का पहला बजट सत्र 24 मार्च से शुरू होने जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आश्वासन दिया है कि यह बजट समाज के हर वर्ग के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि बजट को जनता के सुझावों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है और इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, युवा, महिलाएं, मजदूर, कर्मचारी और व्यापारी वर्ग को प्राथमिकता दी जाएगी। सचदेवा ने इस बजट को विकासोन्मुखी बताते हुए दिल्ली के उज्ज्वल भविष्य का वादा किया।
‘आप‘ का ऐलान: सड़कों पर भी उठाएगी जनता की आवाज
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी जनता के मुद्दों को सदन के साथ-साथ सड़कों पर भी उठाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के चुनावी वादों को पूरा करने में हो रही देरी का मुद्दा प्रमुखता से उठाएगी। ‘आप’ का आरोप है कि भाजपा सरकार जनता के हितों की अनदेखी कर रही है और इस पर जवाबदेही तय करने के लिए पार्टी हर स्तर पर संघर्ष करेगी।

दिल्ली की सियासत गरमाने के आसार
भाजपा के विकास के वादों और ‘आप’ के तीखे तेवरों के चलते दिल्ली विधानसभा का यह बजट सत्र खासा हंगामेदार होने के आसार हैं। जहां भाजपा अपने पहले बजट को जनता के हित में समर्पित बताते हुए अपनी योजनाओं का खाका पेश करेगी, वहीं विपक्षी दल आम आदमी पार्टी सरकार को घेरने के लिए आक्रामक रुख अपनाएगी। ऐसे में दिल्ली की सियासत में नए मोड़ और तीखी बहस देखने को मिल सकती है।
भाजपा सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप
आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने भाजपा सरकार पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली की महिलाओं को प्रति माह ₹2,500 देने और होली पर मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने का वादा किया था, लेकिन अब तक जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिला। आतिशी ने भाजपा सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का भी आरोप लगाया और कहा कि सरकार जनता के हितों की अनदेखी कर रही है।
दिल्ली विधानसभा में हंगामे के आसार
आतिशी ने भाजपा पर लोकतंत्र पर हमला करने का भी आरोप लगाया। उनका कहना है कि भाजपा सरकार विपक्षी विधायकों को निलंबित कर जनता की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के विधायकों को उनके गलत आचरण के बावजूद बचाया जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने संकेत दिए हैं कि बजट सत्र के दौरान उनकी पार्टी भाजपा की नाकामियों को उजागर करेगी और दिल्ली की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठाएगी। ऐसे में विधानसभा में हंगामे और तीखी बहस के पूरे आसार हैं।



