मध्यप्रदेश के धार जिले के कुक्षी से गुजरात के स्टेच्यू ऑफ यूनिटी तक जल्द ही क्रूज सेवा शुरू होने की संभावना है। यह क्रूज प्रोजेक्ट राज्य के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार किया जा रहा है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इस प्रोजेक्ट के लिए 100 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव सामने आया है। इस क्रूज की कुल लंबाई लगभग 135 किलोमीटर होगी, जो पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव देगा।
क्रूज के साथ वॉटर स्पोर्ट्स का रोमांच
पर्यटकों के रोमांच को और बढ़ाने के लिए इस प्रोजेक्ट में वॉटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अनुमानित रूप से वॉटर स्पोर्ट्स पर करीब 70 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे, जिससे पर्यटकों को एक नया एडवेंचर अनुभव मिलेगा। इसके तहत बोटिंग, जेट स्कीइंग, कयाकिंग और अन्य जल क्रीड़ा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यह पहल राज्य में जल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
इनमें से किसी एक रूट पर चलेगा क्रूज
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कुल 6 क्रूज टूरिस्ट प्रोजेक्ट के प्रस्ताव आए हैं, जिनमें कुक्षी से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, सेलानी से धारा, राजघाट बेतवा से देओगढ़, बरगी से टिंडनी, गांधीसागर से संजीत और तवा से मढ़ई शामिल हैं। इनमें से किसी एक रूट पर 2 क्रूज और हाउस बोट्स चलाने की योजना बनाई जा रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

सरयू नदी में क्रूज चला रही कंपनी ने एमपी में दिया प्रस्ताव
मध्यप्रदेश में क्रूज चलाने का प्रस्ताव देने वाली कंपनी पहले से ही उत्तर प्रदेश की सरयू नदी में दो क्रूज संचालित कर रही है। खासतौर पर, सरयू नदी पर ‘जटायू’ क्रूज सेवा की शुरुआत दो साल पहले हुई थी, जिसने धार्मिक पर्यटन को एक नया आयाम दिया। यदि एमपी में नर्मदा नदी पर क्रूज संचालन शुरू होता है, तो यह महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, अमरकंटक जैसे कई धार्मिक शहरों को जोड़ने का काम करेगा, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतरीन अनुभव मिलेगा।
पर्यावरण संरक्षण के लिए सोलर या इलेक्ट्रिक क्रूज का होगा संचालन
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल) ने बीते वर्षों में डीजल इंजन और मोटर बोट्स पर बैन लगाया था, क्योंकि इससे पीने और सिंचाई का पानी दूषित होने का खतरा बढ़ जाता है। भोपाल के बड़ा तालाब समेत कई जल स्रोतों में डेढ़ साल पहले ही ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाई गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए, एमपी में प्रस्तावित क्रूज और हाउस बोट्स सोलर या इलेक्ट्रिक ऊर्जा से संचालित किए जा सकते हैं, जिससे जल स्रोतों का संरक्षण बना रहेगा और पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।



