उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि बीते आठ वर्षों में प्रदेश ने गरीब कल्याण और बुनियादी ढांचे के विकास में बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। यूपी आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो बिना कोई नया टैक्स लगाए रेवेन्यू सरप्लस स्टेट बना है।
गरीब कल्याण में ऐतिहासिक प्रयास
प्रदेश सरकार के प्रयासों से 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है, जिससे कोई भी नागरिक भूखा न रहे। 56 लाख लोगों को आवास सुविधा दी गई है, जिससे गरीबों को अपने घर का सपना पूरा करने का अवसर मिला है। साथ ही, 1 करोड़ 6 लाख महिलाओं और वृद्धजनों को पेंशन का लाभ देकर समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाया गया है। यूपी ने डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है, जिससे जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचा है।
आर्थिक मजबूती और रोजगार के नए अवसर
उत्तर प्रदेश में निवेश बढ़ने से रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 46,000 रुपये से बढ़कर 1.24 लाख रुपये तक पहुंच गई है। बैंकिंग व्यवसाय भी 29.66 लाख करोड़ तक पहुंचकर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। आगामी वित्त वर्ष में शुरू होने वाली “ज़ीरो पॉवर्टी स्कीम” से गरीबी उन्मूलन के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास को नया आयाम मिलेगा।

यूपी में बुनियादी ढांचे का अभूतपूर्व विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास को बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब “एक्सप्रेसवे प्रदेश” के रूप में पहचाना जाता है। 2017 से पहले राज्य में केवल डेढ़ एक्सप्रेसवे थे, लेकिन अब प्रदेश में देश के सबसे अधिक एक्सप्रेसवे मौजूद हैं। मेट्रो संचालन के मामले में भी यूपी देश में अग्रणी है। इसके अलावा, भारत की पहली रैपिड रेल सेवा भी उत्तर प्रदेश में शुरू हुई है, जो प्रदेश के आधुनिक और तेज़ी से बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर का प्रमाण है।
स्वास्थ्य, ऊर्जा और निवेश के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति
स्वास्थ्य क्षेत्र में यूपी ने क्रांतिकारी बदलाव देखा है। 2017 से पहले प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन बीते आठ वर्षों में 80 नए मेडिकल कॉलेज बनाए गए, जिनमें 44 सरकारी और 36 निजी कॉलेज शामिल हैं। ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़ी प्रगति हुई है — 1947 से 2017 तक जहां 1.28 लाख गांवों में ही बिजली पहुंची थी, वहीं अब यह आंकड़ा 2.49 लाख गांवों तक पहुंच गया है। सौर ऊर्जा उत्पादन भी 228 मेगावाट से बढ़कर 2,653 मेगावाट हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी अब निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित राज्य बन चुका है और जल्द ही निवेशकों का ड्रीम डेस्टिनेशन बनने वाला है।



