CM मोहन यादव ने वन विहार से वन्यजीव सप्ताह की शुरुआत की, अब पर्यटक 40 इलेक्ट्रिक वाहनों से सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में वन्यजीव सप्ताह का आगाज खास अंदाज़ में हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन विहार से राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ किया और 40 इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अब पर्यटक यहां डीजल वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक गाड़ियों से सफारी का आनंद ले सकेंगे, जिससे उन्हें शोर और प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी। इस मौके पर वन्यजीव संरक्षण पर किताब और गिद्धों पर रिपोर्ट का विमोचन भी किया गया, साथ ही फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया।
वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वन्यजीव संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि चीता, बाघ, घड़ियाल और गिद्ध मध्यप्रदेश की पहचान हैं और अब प्रदेश में कोबरा भी बसाया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वन विभाग ने बड़ा कदम उठाते हुए पुराने डीजल वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन उपलब्ध कराए हैं, जिससे न केवल वन्यजीवों का संरक्षण होगा बल्कि पर्यटकों को भी प्रदूषण रहित अनुभव मिलेगा।
वन्यजीव संरक्षण और इको-टूरिज्म
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वन विहार राष्ट्रीय उद्यान से राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ किया और 40 इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाई। अब पर्यटक यहां ई-वाहनों से सफारी का आनंद ले सकेंगे, जिससे शोर और प्रदूषण से राहत मिलेगी। उन्होंने इसे इको-टूरिज्म की दिशा में महत्वपूर्ण पहल बताया। इस मौके पर 626 पर्यटन समितियों को 18 करोड़ 74 लाख रुपये से अधिक की राशि के पुरस्कार दिए गए। साथ ही वन्यजीव संरक्षण पर किताब, गिद्धों पर रिपोर्ट का विमोचन और फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया। CM ने कहा कि प्रदेश में 11 नेशनल पार्क, 9 टाइगर रिजर्व और 36 वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी हैं और यहां दुनियाभर से पर्यटक आते हैं।
किसानों के लिए भावांतर योजना
मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में भावांतर योजना को फिर से लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सोयाबीन उत्पादक किसानों को उपज का उचित मूल्य दिलाना सरकार की प्राथमिकता है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष सोयाबीन की एमएसपी 5328 रुपये प्रति क्विंटल तय की है, जो पिछले साल की तुलना में 528 रुपये अधिक है। किसान 3 अक्टूबर से भावांतर योजना में पंजीयन कर सकेंगे और 24 अक्टूबर से मंडियों में उपज बेच पाएंगे। सरकार जल्द ही भावांतर राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में अंतरित करेगी। CM ने कहा कि यह योजना अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श उदाहरण है।


