चीन ने 5 और रेयर अर्थ मटेरियल्स के निर्यात पर रोक लगाई, वहीं शीर्ष व्यापार वार्ताकार ली चेंगगैंग को पद से हटाकर अमेरिका से तनातनी और बढ़ाई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 1 नवंबर तक व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो चीन को 155% तक टैरिफ चुकाना पड़ सकता है। उन्होंने यह बयान व्हाइट हाउस में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ बैठक के दौरान दिया। ट्रम्प ने कहा कि चीन फिलहाल 55% तक टैरिफ दे रहा है, जो अमेरिका के लिए बड़ी राशि है, लेकिन अगर बातचीत में सहमति नहीं बनी, तो यह दर तीन गुना तक बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि पहले कई देशों ने अमेरिका का फायदा उठाया, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
ट्रेड वॉर के नए दौर की आहट
ट्रम्प की यह चेतावनी उस वक्त आई है जब अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर बढ़ रहा है। इससे पहले 10 अक्टूबर को अमेरिका ने चीन पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। दरअसल, चीन ने हाल ही में रेयर मिनरल्स (दुर्लभ खनिजों) के निर्यात को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। नए नियमों के तहत, जो कंपनियां चीन से रेयर मिनरल खरीदकर विदेशों में बेचना चाहती हैं, उन्हें अब चीनी सरकार से लाइसेंस लेना होगा। ट्रम्प के इस बयान को अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर के अगले चरण की चेतावनी माना जा रहा है।
चीन ने 5 और रेयर अर्थ मटेरियल्स के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
चीन ने 9 अक्टूबर को 5 नए दुर्लभ खनिजों — होल्मियम, एर्बियम, थुलियम, यूरोपियम और यटरबियम — के निर्यात पर नियंत्रण लगाने की घोषणा की। इससे पहले चीन 7 रेयर अर्थ मटेरियल्स पर पहले से नियंत्रण रखता था, जिससे अब कुल 17 में से 12 खनिजों पर उसका सीधा कंट्रोल हो गया है। इन खनिजों का इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) और रक्षा उद्योग में होता है। अब किसी भी देश या कंपनी को इनका निर्यात करने से पहले चीनी सरकार से एक्सपोर्ट लाइसेंस लेना होगा। इस कदम से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की इंडस्ट्री और सुरक्षा पर बड़ा असर पड़ सकता है, क्योंकि चीन दुनिया की 70% दुर्लभ खनिज आपूर्ति और 90% प्रोसेसिंग पर नियंत्रण रखता है।
शीर्ष वार्ताकार को हटाने से बढ़ी राजनीतिक हलचल
इसी बीच चीन ने अपने शीर्ष व्यापार वार्ताकार ली चेंगगैंग को पद से हटा दिया है। वे हाल ही में अमेरिका के साथ हुई चार दौर की वार्ताओं में शामिल थे और विश्व व्यापार संगठन (WTO) में चीन के स्थायी प्रतिनिधि भी थे। उनकी जगह अब ली योंगजीए को नियुक्त किया गया है। यह बदलाव उस वक्त हुआ जब अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने ली चेंगगैंग के रवैये की आलोचना की थी, यह कहते हुए कि वे बिना बुलाए वॉशिंगटन पहुंचे और चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने बंदरगाह शुल्क लगाया तो चीन “वैश्विक अव्यवस्था” फैला देगा। अब दोनों देशों के अधिकारी मलेशिया में अगली बैठक की तैयारी कर रहे हैं ताकि राष्ट्रपति ट्रम्प और शी जिनपिंग की प्रस्तावित शिखर बैठक से पहले किसी समझौते की रूपरेखा तैयार की जा सके।


