PM मोदी ने BRICS की असली ताकत इसकी विविधता और संतुलन बताया। उन्होंने NDB से सोच-समझकर निवेश करने और BRICS रिसर्च सेंटर बनाने का सुझाव दिया।

ब्राजील के रियो डी जनेरियो में हुए 17वें BRICS सम्मेलन में सदस्य देशों ने 31 पेज का साझा घोषणा पत्र जारी किया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई। इससे पहले QUAD देशों ने भी हमले की निंदा की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समिट में कहा कि ये हमला सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी इंसानियत पर हमला है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
20वीं सदी के टाइपराइटर से नहीं चलेगा 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर
PM मोदी ने वैश्विक संस्थाओं पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 20वीं सदी में बनी संस्थाएं आज की चुनौतियों का समाधान नहीं कर पा रहीं। उन्होंने तकनीक के तेजी से बदलते दौर का उदाहरण देते हुए कहा, ‘AI के युग में टेक्नोलॉजी हर हफ्ते बदल रही है, लेकिन वैश्विक संस्थाएं 80 साल में भी नहीं बदलीं। 20वीं सदी के टाइपराइटर से 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर नहीं चल सकता।’ PM ने नई वैश्विक व्यवस्था की जरूरत बताई।
BRICS की ताकत इसकी विविधता और जिम्मेदारी है
PM मोदी ने BRICS सम्मेलन में कहा कि BRICS की असली ताकत इसकी विविधता और बहुध्रुवीय दुनिया में उसका संतुलन है। उन्होंने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) से जिम्मेदारी से निवेश करने की अपील करते हुए कहा कि बैंक को सिर्फ उन प्रोजेक्ट्स में निवेश करना चाहिए, जो दीर्घकालिक फायदे वाले हों और बैंक की साख बनाए रखें। साथ ही उन्होंने BRICS रिसर्च सेंटर बनाने का सुझाव दिया, जहां विज्ञान और टेक्नोलॉजी से जुड़े साझा प्रोजेक्ट्स पर मिलकर काम किया जा सके।
संसाधनों और डिजिटल कंटेंट पर PM मोदी का सख्त संदेश
मोदी ने सम्मेलन में कहा कि कोई भी देश संसाधनों का अपने फायदे या हथियार की तरह गलत इस्तेमाल न करे। उन्होंने डिजिटल कंटेंट को लेकर भी चेताया और कहा कि फर्जी जानकारी और गलत प्रचार रोकने के लिए एक ठोस सिस्टम बनाना जरूरी है, जिससे कंटेंट की सत्यता और स्रोत का आसानी से पता चल सके। PM मोदी ने बताया कि भारत जल्द ही एक वैश्विक AI Impact Summit की मेजबानी करेगा, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी चुनौतियों और सकारात्मक उपयोग पर चर्चा की जाएगी।


