बिहार चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर एनडीए और महागठबंधन दोनों में खींचतान जारी, चिराग माने तो मांझी नाराज़—सहमति के बावजूद कुछ सीटों पर पेच बरकरार.

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए और महागठबंधन दोनों में सीटों को लेकर मंथन और मोलभाव का दौर जारी है। एक ओर चिराग पासवान ने सहमति के संकेत दिए हैं, तो दूसरी ओर जीतन राम मांझी अब भी नाराज़ बताए जा रहे हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि एनडीए में सीट बंटवारे पर लगभग सहमति बन चुकी है। वहीं महागठबंधन के भीतर अब भी कुछ सीटों पर पेच फंसा हुआ है। इसी बीच बिहार एनडीए के कई नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और कुछ नेताओं के आज पहुंचने की उम्मीद है।
बीजेपी की मैराथन बैठक और रणनीति
दिल्ली में बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक आठ घंटे से अधिक समय तक चली, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान देर रात तक मौजूद रहे। बैठक में बिहार की करीब 90 से 100 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा पूरी कर ली गई। इसी दौरान जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की जेपी नड्डा से मुलाकात भी हुई, जहां उन्हें सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम प्रस्ताव सौंपा गया। बताया जा रहा है कि अब गेंद मांझी और कुशवाहा के पाले में है—फैसला उन्हीं को लेना है कि वे एनडीए के साथ बने रहेंगे या अलग रास्ता अपनाएंगे।

शाह–प्रधान की मौजूदगी से बढ़ी हलचल
देर रात चली बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक के बाद भले ही कई नेता निकल गए हों, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह और बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी ने संकेत दे दिया कि सीट बंटवारे पर शीर्ष नेतृत्व की मुहर लग चुकी है। अब सबकी निगाहें जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा पर टिकी हैं, जो बीजेपी के फॉर्मूले पर जल्द ही अपना रुख साफ कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इन दोनों नेताओं का फैसला ही बिहार एनडीए के अंतिम स्वरूप को तय करेगा।
सीट बंटवारे के ब्लूप्रिंट पर अंतिम मुहर
शनिवार को पटना में प्रस्तावों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस बैठक में जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोमो के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, मांझी और कुशवाहा के साथ सहमति लगभग बन चुकी है, लेकिन पेच अब लोजपा (रामविलास) की कुछ सीटों की “पसंद” को लेकर फंसा हुआ है। बीजेपी नेतृत्व अब सभी सहयोगियों की मांगों को संतुलित करते हुए अंतिम ब्लूप्रिंट तैयार करने में जुटा है।


