बिहार चुनाव में नए चेहरों की बयार — NDA ने 23%, महागठबंधन ने 37%, जन सुराज ने 90% और AIMIM ने 69% नए उम्मीदवार मैदान में उतारे।

18वीं बिहार विधानसभा के लिए दो चरणों में मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा। पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर, जबकि दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर वोटिंग होगी। कुल 243 सीटों पर 2616 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 1085 नए चेहरे यानी करीब 41% प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर (अलीनगर) को, राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती डॉ. करिश्मा राय (परसा) को और भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव को छपरा से टिकट दिया है। वहीं, जेडीयू ने रोहेल रंजन, जन सुराज ने जागृति ठाकुर, वाई.वी. गिरि, के.सी. सिन्हा और रितेश पांडेय जैसे नए चेहरों पर भरोसा जताया है।
विनिबिलिटी फैक्टर पर दांव
इस चुनाव में छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की भी बड़ी मौजूदगी है। रालोमा ने स्नेह लता कुशवाहा, लोजपा (आर) ने सीमांत मृणाल, और हम ने रोमित कुमार को प्रत्याशी बनाया है। ये सभी उम्मीदवार पहली बार विधानसभा या लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे हैं। राजनीतिक दलों ने इस बार ‘विनिबिलिटी फैक्टर’ — यानी जीत की संभावना — को ध्यान में रखते हुए नए चेहरों को मौका दिया है। छठ पर्व के बाद दो चरणों में मतदान होगा — 6 और 11 नवंबर, जबकि 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस 40 दिन की चुनाव प्रक्रिया में बिहार की सियासत में नए चेहरों की परीक्षा होगी।

महागठबंधन ने दिखाया बड़ा दांव
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन दोनों ने इस बार नए चेहरों पर भरोसा जताया है। 243 सीटों में एनडीए ने 23% यानी 56 उम्मीदवारों को पहली बार मैदान में उतारा है। वहीं, महागठबंधन ने 243 की बजाय 255 सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें से 37% यानी 92 उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि महागठबंधन की 12 सीटों पर ‘फ्रेंडली फाइट’ की स्थिति बनी हुई है। इससे साफ है कि दोनों गठबंधन अपने-अपने जनाधार को मजबूत करने और नए चेहरों के सहारे बदलाव का संदेश देने की कोशिश में हैं।
जन सुराज और AIMIM ने लगाए नए चेहरों पर बड़ा दांव
जन सुराज पार्टी ने इस चुनाव में 90% यानी 218 उम्मीदवार ऐसे उतारे हैं जो पहली बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने 26 में से 18 यानी करीब 69% नए चेहरों को मौका दिया है। नए उम्मीदवारों की इस भीड़ से बिहार की सियासत में ताजगी का नया रंग देखने को मिल रहा है। इसी बीच, निर्वाचन पदाधिकारियों ने सहरसा में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की तैयारियों का जायजा लिया और मतदान कर्मियों के प्रशिक्षण कार्य का निरीक्षण किया। चुनावी तैयारियों के बीच नए चेहरों की एंट्री ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है।


