पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करने का बड़ा फैसला लिया है। शुक्रवार को इस विषय पर जलशक्ति मंत्रालय की अहम बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल मौजूद रहे। बैठक के बाद पाटिल ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान को अब एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा। यह फैसला तीन चरणों में लागू किया जाएगा और इसके लिए तीन स्तरों की रणनीति बनाई जा रही है। हालांकि, इन रणनीतियों का खुलासा अभी नहीं किया गया है।
जम्मू-कश्मीर की पुरानी नाराजगी फिर सतह पर
भारत सरकार के इस कदम का जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्वागत करते हुए कहा कि राज्य शुरू से ही सिंधु जल समझौते के खिलाफ रहा है। उन्होंने श्रीनगर में कहा कि यह संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए नुकसानदायक रही है और यह अब तक का सबसे गलत दस्तावेज है। अब्दुल्ला के अनुसार, कश्मीर को इस संधि से जितना नुकसान हुआ है, उतना किसी और को नहीं हुआ। भारत सरकार का यह कदम स्थानीय जनता के हित में भी एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।

पहलगाम हमले के बाद भारत का पाकिस्तान पर कड़ा रुख
23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की आपात बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ पांच कड़े फैसले लिए गए। इस अहम बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से स्पष्ट संदेश है कि अब आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं होगा। भारत सिंधु जल समझौते को स्थगित करने, व्यापारिक संपर्क सीमित करने और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने जैसे ठोस निर्णय ले चुका है।
भारत का सिंधु जल रोकना युद्ध की घोषणा होगी
भारत के कड़े कदमों पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस्लामाबाद में 24 अप्रैल को हुई नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) की बैठक में पाकिस्तान ने सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित कर दिए, जिसमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है। पाकिस्तान ने भारत को चेतावनी दी कि यदि सिंधु जल संधि को रोका गया, तो उसे ‘एक्ट ऑफ वॉर’ यानी युद्ध का ऐलान माना जाएगा। पाकिस्तान ने कहा कि वह किसी भी क्षेत्र में अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में नहीं डालने देगा और हर मोर्चे पर जवाब देने को तैयार है।
हाफिज और मसूद दुबके ISI के सेफ हाउस में, दहशत में आतंकी सरगना
पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्ती से पाकिस्तान में आतंकियों की नींद उड़ गई है। लश्कर-ए-तैयबा का सरगना हाफिज सईद एबटाबाद की सैन्य छावनी में स्थित ISI के सेफ हाउस में छिपा हुआ है। सूत्रों के अनुसार हाफिज को ‘हमले’ का डर सताने लगा है, जिसके चलते उसने 27 अप्रैल को मुरीदके में होने वाले एक कार्यक्रम को रद्द करवा दिया। उधर जैश-ए-मोहम्मद का मुखिया मसूद अजहर भी बहावलपुर के एक सेफ हाउस में छिपा है। बताया जा रहा है कि वह कुछ समय पहले तक खैबर के एक मदरसे में था। भारत की कार्रवाई से अब आतंकी संगठन पूरी तरह से खौफ में हैं।



