गुरुवार से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में पहले ही दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। शाम 7:15 बजे तक कुल 12,348 श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा में हिम शिवलिंग के दर्शन किए। इनमें 9,181 पुरुष, 2,223 महिलाएं, 99 बच्चे, 122 साधु, 7 साध्वी, 708 सुरक्षाकर्मी और 8 ट्रांसजेंडर श्रद्धालु शामिल थे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यात्रा शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रही।

तीसरा जत्था भी हुआ रवाना
जम्मू के भगवतीनगर बेस कैंप से गुरुवार को 5,200 से अधिक श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था रवाना हुआ, जो दोपहर तक पहलगाम पहुंच गया। शुक्रवार सुबह 4 बजे तीसरा जत्था 6,400 श्रद्धालुओं के साथ पवित्र गुफा की ओर रवाना हुआ। बालटाल रूट पर 16 किमी लंबी कतार देखी गई। यात्रा के पहले दिन ही हिम शिवलिंग का आकार 1.5 से 2 फीट रह गया था, जिससे इसके जल्द पिघलने की आशंका जताई जा रही है।
38 दिन की यात्रा रक्षाबंधन पर होगी पूर्ण
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन इसका समापन होगा। यात्रा पहलगाम और बालटाल—दोनों रूटों से संचालित की जा रही है। अब तक 3.5 लाख से अधिक तीर्थयात्री रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। जम्मू में तुरंत रजिस्ट्रेशन के लिए सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में विशेष केंद्र बनाए गए हैं, जहां प्रतिदिन करीब दो हजार यात्रियों का पंजीकरण किया जा रहा है।
प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पहलगाम रूट
यदि श्रद्धालु कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं तो पहलगाम रूट उत्तम है, जबकि धार्मिक उद्देश्य से आने वालों के लिए बालटाल रूट अधिक सुविधाजनक माना जाता है। हालांकि पहलगाम रूट की हालत कठिन है—रास्ता कहीं संकरा, कहीं पथरीला और 48 किमी लंबा है, जिसमें कई जगह रेलिंग भी नहीं है। बावजूद इसके, इस बार सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पंचतरणी, गणेश टॉप और पिस्सू टॉप जैसे दुर्गम स्थलों पर भी जवान और डॉग स्क्वॉड तैनात दिखे, जो पहले नहीं था।


