केंद्र सरकार ने ₹62,000 करोड़ की डील को मंजूरी दी, जिससे वायुसेना को 97 LCA मार्क 1A फाइटर जेट मिलेंगे और HAL को बड़ा ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार ने मंगलवार को भारतीय वायुसेना (IAF) के लिए 97 एलसीए मार्क-1ए (LCA Mark 1A) फाइटर जेट की खरीद को मंजूरी दे दी है। यह ₹62,000 करोड़ की मेगा डील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में स्वीकृत की गई। इस फैसले से Hindustan Aeronautics Limited (HAL) के लिए इन अत्याधुनिक स्वदेशी एयरक्राफ्ट्स को बनाने का रास्ता साफ हो गया है। यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और मजबूत करता है।
HAL को मिलेगा दूसरा बड़ा तेजस ऑर्डर
यह HAL को मिलने वाला तेजस फाइटर जेट का दूसरा बड़ा ऑर्डर होगा। इससे पहले सरकार ने 83 तेजस मार्क-1ए एयरक्राफ्ट्स का ऑर्डर दिया था। नए वर्जन में अपग्रेडेड एवियॉनिक्स, आधुनिक रडार सिस्टम और स्वदेशी उपकरण शामिल हैं। 65% से अधिक पुर्जे भारत में निर्मित हैं। HAL द्वारा विकसित यह सिंगल इंजन हल्का लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
HAL को 2028 तक करने हैं 83 तेजस की डिलीवरी
साल 2021 में HAL को भारतीय वायुसेना के लिए 83 एलसीए मार्क-1ए फाइटर जेट्स बनाने का ₹46,898 करोड़ का ऑर्डर मिला था, जिसकी डिलीवरी 2028 तक पूरी करनी है। HAL ने फरवरी 2025 में स्पष्ट किया कि तकनीकी खामी के चलते डिलीवरी में जो देरी हो रही थी, उसे अब ठीक कर लिया गया है और जल्द ही तेजस की पहली यूनिट वायुसेना को सौंप दी जाएगी। HAL प्रमुख डीके सुनील ने कहा कि इंडस्ट्री को दोषी ठहराना सही नहीं है, क्योंकि तकनीकी चुनौतियां अब काबू में हैं।
MiG विमानों की जगह लेगा LCA मार्क-1A
भारतीय वायुसेना के पुराने MiG-21, MiG-23 और MiG-27 फाइटर जेट्स को अब LCA मार्क-1A से बदला जाएगा। 62 साल की सेवा के बाद MiG-21 विमान 19 सितंबर 2025 को रिटायर हो रहा है, और इसी बदलाव के तहत 97 नए LCA मार्क-1A जेट्स को खरीदा जा रहा है। इन्हें राजस्थान के बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात करने की योजना है। तेजस भारत की एयरोस्पेस क्षमताओं में आत्मनिर्भरता की मिसाल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी 2022 में तेजस में उड़ान भर चुके हैं, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा फाइटर जेट में की गई पहली उड़ान थी।


