इजराइल-ईरान के बीच जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पजशकियान से फोन पर बातचीत की। पीएम मोदी ने क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर चिंता जताई और कहा कि किसी भी टकराव का समाधान बातचीत और कूटनीति के ज़रिए ही संभव है। उन्होंने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने पर ज़ोर दिया।

इजराइल और ईरान के बीच जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति मसूद पजशकियान से फोन पर बातचीत की। पीएम मोदी ने मौजूदा हालात पर विस्तार से चर्चा की और क्षेत्र में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि हालिया तनातनी को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति पजशकियान से तत्काल तनाव कम करने और डॉयलॉग व डिप्लोमेसी के ज़रिए समाधान निकालने की अपील की। भारत ने हमेशा से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता का पक्ष लिया है, और इस बातचीत को एक अहम कूटनीतिक कदम माना जा रहा है।
बढ़ रही तीसरे विश्व युद्ध की आशंका
इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध दसवें दिन भी थमा नहीं है। दोनों पक्षों को भारी नुकसान होने के बावजूद अब तक युद्धविराम की कोई संभावना नहीं दिख रही है। इस टकराव ने न सिर्फ पश्चिम एशिया को अस्थिर किया है, बल्कि तीसरे विश्व युद्ध की आशंकाएं भी बढ़ा दी हैं। अमेरिका की ओर से इजराइल को मिल रहे समर्थन ने ईरान को और अधिक आक्रामक बना दिया है। अब तक इस युद्ध में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश ईरान से हैं। बावजूद इसके, दोनों देशों के रुख में कोई नरमी नहीं दिखाई दे रही है।
इजराइल-ईरान की जवाबी कार्रवाई तेज
इजराइल ने 13 जून की सुबह ईरान पर बड़े हमले किए, जिनमें सरकारी टीवी चैनल IRINN और रक्षा मंत्रालय मुख्यालय को निशाना बनाया गया। इन हमलों में कई लोग घायल हुए। इसके जवाब में ईरान ने इजराइल के अस्पताल और स्टॉक एक्सचेंज को टारगेट किया, जिससे तेल अवीव स्थित अमेरिकी दूतावास की इमारत को भी नुकसान पहुंचा। दोनों देशों के बीच यह संघर्ष अब केवल सैन्य प्रतिष्ठानों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नागरिक और वैश्विक हितों को भी प्रभावित कर रहा है। हमलों की यह सिलसिला लगातार गंभीर होता जा रहा है।
तेल की कीमतों में उछाल
इजराइल-ईरान युद्ध का असर अब वैश्विक स्तर पर भी महसूस किया जाने लगा है। सबसे बड़ा प्रभाव तेल की कीमतों में उछाल के रूप में देखा गया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है। इजराइल का कहना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उसकी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है, और इसलिए उसने 13 जून को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद से ही जंग लगातार तेज हो रही है। अमेरिका ने भी ईरान को सख्त चेतावनी दी है और उसके परमाणु ठिकानों को तबाह करने की बात कही है, जिससे क्षेत्र में तनाव और भी बढ़ गया है।


