International Yoga Day 2025 के अवसर पर दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट परिसर में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) के नेतृत्व में न्यायाधीशों, डॉक्टरों, छात्रों और आम नागरिकों ने मिलकर सामूहिक योग प्रदर्शन किया।

दुनियाभर में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 3 लाख लोगों और 40 देशों के राजनयिकों के साथ सामूहिक योगाभ्यास किया। कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मौजूद रहे। इस वर्ष योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रखी गई है, जो वैश्विक स्वास्थ्य और सामूहिक कल्याण को समर्पित है।
योग ने जोड़ा विश्व, शांति और मानवता का बना प्रतीक: पीएम मोदी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग का अर्थ ही है ‘जोड़ना’, और यह देखकर संतोष होता है कि योग ने आज वास्तव में दुनिया को जोड़ दिया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रस्ताव का ज़िक्र करते हुए बताया कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करने के प्रस्ताव को 175 देशों का समर्थन मिला था। यह केवल प्रस्ताव नहीं, बल्कि मानवता की भलाई के लिए एक वैश्विक प्रयास था। पीएम मोदी ने कहा कि आज जब दुनिया में अशांति और अस्थिरता का माहौल है, तब योग शांति, संतुलन और सकारात्मकता की दिशा दिखा रहा है।
योग बना जीवन का अभिन्न हिस्सा
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज योग करोड़ों लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुका है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजन ब्रेल में योग शास्त्र पढ़ रहे हैं, वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योग कर रहे हैं और गांव-गांव में युवा योग ओलंपियाड में भाग ले रहे हैं। पीएम ने इस बात पर गर्व जताया कि योग अब केवल व्यक्तिगत अभ्यास नहीं रहा, बल्कि यह सामाजिक और वैश्विक साझेदारी का माध्यम बन चुका है। उन्होंने इसे ‘मी टू वी’ की भावना से जोड़ते हुए कहा कि यह भारत की आत्मा का प्रतीक है।
तनाव भरी दुनिया में संतुलन और समाधान का रास्ता
प्रधानमंत्री ने योग को आज की दुनिया के लिए ‘पॉज बटन’ की संज्ञा दी, जो लोगों को रुकने, सोचने, संतुलन बनाने और स्वयं को दोबारा पहचानने का अवसर देता है। उन्होंने कहा कि अशांति और अस्थिरता से जूझ रही दुनिया के लिए योग शांति की दिशा दिखा रहा है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत योग को विज्ञान और आधुनिक रिसर्च से जोड़ते हुए प्रमाण आधारित थेरेपी के रूप में विकसित कर रहा है। उन्होंने ‘हील इन इंडिया’ को एक वैश्विक मंत्र बताया और कहा कि भारत आज योग व स्वास्थ्य पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन रहा है।


