मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार, 9 अप्रैल को तकनीकी शिक्षा, कौशल एवं रोजगार विभाग की समीक्षा बैठक में ग्लोबल स्किल पार्क की खाली पड़ी सीटों को लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार का यह ड्रीम प्रोजेक्ट युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, लेकिन वर्तमान में इसका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। बैठक के दौरान जैसे ही उन्हें बताया गया कि 900 में से केवल 450 सीटें ही भरी हैं, उन्होंने अफसरों को फटकार लगाते हुए कहा कि यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने निजी संस्थानों की तुलना करते हुए कहा कि वहाँ सभी सीटें भर जाती हैं, तो सरकारी संस्थान पीछे क्यों रह रहा है?
‘संस्था की छवि सुधारें, युवाओं का भरोसा जीतें’
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्लोबल स्किल पार्क की कार्यशैली और परिणामों में सुधार लाया जाए ताकि युवाओं में विश्वास पैदा हो सके कि यहां प्रशिक्षण के बाद उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक संस्था की छवि में सकारात्मक बदलाव नहीं लाया जाएगा, तब तक युवाओं का रुझान नहीं बढ़ेगा। उन्होंने अफसरों से यह भी कहा कि सिर्फ आंकड़ों से नहीं, ज़मीनी स्तर पर सुधार दिखना चाहिए और संस्था की छवि ऐसी होनी चाहिए कि हर युवा यहां दाखिला लेने को उत्सुक हो।

कौशल प्रशिक्षण उद्योगों की मांग के अनुसार हो
तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अधिकारियों को दो-टूक निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में संचालित उद्योगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ही कौशल प्रशिक्षण की योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण ऐसा हो जो युवाओं को पहले प्रदेश में, फिर देश और विदेश तक रोजगार के अवसर दिलाने में सक्षम हो। बैठक में मुख्यमंत्री ने विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति पर असंतोष भी जताया और अफसरों से कहा कि केवल कागजी कामकाज नहीं चलेगा, अब नतीजे ज़मीन पर दिखने चाहिए।



