शनिवार दोपहर 3:30 बजे म्यांमार में फिर से 5.1 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। पिछले दो दिनों में यह तीसरा झटका था, जिसकी तीव्रता 5 से अधिक रही। शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई, जिसमें म्यांमार में मरने वालों की संख्या 1,002 तक पहुंच गई है और 2,400 से अधिक लोग घायल हैं।
तबाही का दायरा बढ़ा, थाईलैंड तक पहुंचा असर
भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए थे। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई। यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने आशंका जताई है कि म्यांमार में मरने वालों का आंकड़ा 10 हजार से अधिक हो सकता है। म्यांमार के छह राज्यों और पूरे थाईलैंड में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है, ताकि राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा सके।

भूकंप प्रभावित म्यांमार को अंतरराष्ट्रीय मदद का सहारा
म्यांमार में भूकंप के बाद राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 5 मिलियन डॉलर (लगभग 43 करोड़ रुपये) की सहायता राशि प्रदान की है। इस फंड का उपयोग रिलीफ प्रोग्राम शुरू करने के लिए किया जाएगा। रूस ने भी 120 बचावकर्मियों और आवश्यक सामग्री के साथ दो विमानों को म्यांमार भेजा है। भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत 15 टन राहत सामग्री और NDRF के 80 बचावकर्मियों की टीम म्यांमार रवाना की है। चीन ने भी अपनी रेस्क्यू टीम के साथ सहायता सामग्री भेजकर राहत कार्यों में योगदान दिया है।
पीएम मोदी ने जताई संवेदना, भारत का पूरा सहयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के सैन्य प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात कर संवेदना प्रकट की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने करीबी पड़ोसी और मित्र म्यांमार के साथ इस संकट की घड़ी में मजबूती से खड़ा है। म्यांमार में लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से दहशत का माहौल है, जिससे लोग भयभीत हैं और कई इलाकों में अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।



