छत्तीसगढ़ के बस्तर जोन के आईजी पी. सुंदरराज के अनुसार, सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर स्थित उपमपल्ली केरलापाल इलाके के जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षाबलों ने सुकमा के घने जंगलों से नक्सलियों के शव बरामद कर लिए हैं। इस अभियान के दौरान सुरक्षाबलों के चार जवानों को मामूली चोटें आई हैं, जिनमें तीन डीआरजी और एक सीआरपीएफ का जवान शामिल है। घायल जवानों की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
गुप्त सूचना के आधार पर चलाया गया था अभियान
सुकमा एसपी किरण चव्हाण के अनुसार, इलाके में अभी भी मुठभेड़ जारी है। सुरक्षाबलों को खुफिया सूचना मिली थी कि नक्सली बड़ी संख्या में उपमपल्ली केरलापाल के जंगल में मौजूद हैं। इसी सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने शुक्रवार (28 मार्च) को जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त दल के साथ नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया था।

सुरक्षाबलों की बहादुरी का परिचय
इस अभियान में जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बिना नक्सलियों का डटकर सामना किया। घायल जवानों को सुरक्षित निकालते हुए उन्होंने मुठभेड़ स्थल से नक्सलियों के शव बरामद किए। इस साहसिक अभियान में सुरक्षाबलों की रणनीति और वीरता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे हर परिस्थिति में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्पर हैं।
सुकमा में मुठभेड़ के बाद तलाशी अभियान जारी
सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर उपमपल्ली केरलापाल इलाके में शुक्रवार (28 मार्च) को शुरू हुआ तलाशी अभियान शनिवार (29 मार्च) की सुबह से ही रुक-रुक कर जारी गोलीबारी में तब्दील हो गया। सुरक्षा बल फिलहाल मुठभेड़ स्थल और आसपास के जंगली इलाकों में गहन तलाशी अभियान चला रहे हैं ताकि इलाके में छिपे हुए अन्य नक्सलियों का भी पता लगाया जा सके।
भारी मात्रा में हथियार बरामद, जवानों की हालत सामान्य
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने बड़ी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं, जिनमें AK-47, एसएलआर, इनसास राइफल, .303 राइफल, रॉकेट लॉन्चर और बीजीएल लॉन्चर जैसे घातक हथियार शामिल हैं। इसके अलावा, विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। इस मुठभेड़ में डीआरजी के दो जवान घायल हुए हैं, लेकिन उनकी हालत अब स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।



