मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल से एक बड़ी पहल के तहत 23 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों के खातों में सिंगल क्लिक के जरिए 550 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की। यह आर्थिक सहायता श्रमिक परिवारों के जीवन में संबल का काम करेगी, जिससे उन्हें अपने दैनिक जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता मिलेगी।
संबल योजना का बढ़ता प्रभाव
संबल योजना के तहत अब तक 6 लाख 58 हजार से अधिक परिवारों को 5 हजार 927 करोड़ रुपए से अधिक का लाभ दिया जा चुका है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सहारा देना है, जिससे वे विपरीत परिस्थितियों में भी अपने जीवन को सुचारू रूप से चला सकें।

गिग और प्लेटफार्म वर्कर्स को मिली राहत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की कि 1 मार्च 2024 से गिग और प्लेटफार्म वर्कर्स को भी असंगठित श्रमिक मानते हुए संबल योजना में शामिल किया जाएगा। इस कदम से बड़ी संख्या में श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा का लाभ मिलेगा। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मंदसौर की अंजली रैकवार, खरगोन की प्रेमलता कर्मा, शहडोल की मन्नू ढीमर, दतिया की कल्लन वाल्मीक और सीहोर की शिव कुमारी से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और उन्हें समाधान का भरोसा दिया।
संबल योजना: श्रमिक परिवारों के लिए सुरक्षा कवच
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने वर्चुअली शामिल होकर बताया कि मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। इस योजना के तहत अब तक 5 हजार 927 करोड़ रुपए की सहायता राशि हितग्राहियों को प्रदान की जा चुकी है। योजना के तहत अनुग्रह सहायता के अंतर्गत श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए, सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपए और आंशिक अपंगता की स्थिति में 1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। इस अवसर पर 23 हजार 162 परिवारों को 505 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गई, जिससे इन परिवारों को आर्थिक संबल और सुरक्षा का मजबूत आधार मिला।



