औरंगजेब की कब्र हटाने के विवाद के बाद नागपुर में भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान के घर पर सोमवार को बुलडोजर कार्रवाई की गई। नागपुर नगर निगम ने अवैध निर्माण को हटाने के लिए रविवार को 24 घंटे का नोटिस दिया था, जिसके बाद तय समय सीमा पूरी होने पर यह कार्रवाई हुई। फहीम का मकान संजय बाग कॉलोनी, यशोधरा नगर में स्थित था, जो उसकी पत्नी के नाम पर दर्ज था।
फहीम पर देशद्रोह का केस, 500 दंगाइयों को भड़काने का आरोप
फहीम खान पर नागपुर हिंसा के दौरान 500 से अधिक दंगाइयों को भड़काने और हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप है। प्रशासन ने इस मामले में फहीम समेत 6 आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज किया है। फहीम फिलहाल पुलिस हिरासत में है। इससे पहले 21 मार्च को फहीम ने जमानत के लिए सेशंस कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसमें उसने राजनीतिक प्रतिशोध के चलते गिरफ्तारी का दावा किया था।
फडणवीस का बयान: ‘जरूरत पड़ी तो बुलडोजर भी चलेगा‘
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिंसा के नुकसान की भरपाई दंगाइयों की संपत्ति से वसूलने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर बुलडोजर कार्रवाई की जाएगी। फडणवीस ने साफ किया कि हिंसा का संबंध किसी इंटेलिजेंस फेल्योर या राजनीतिक साजिश से नहीं है, हालांकि सभी संभावित कोणों से जांच जारी है।

नागपुर में कर्फ्यू हटा, हालात सामान्य होने की ओर
नागपुर में हिंसा के छह दिन बाद रविवार को शहर से पूरी तरह कर्फ्यू हटा लिया गया। पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने दोपहर 3 बजे से कोतवाली, तहसील, गणेशपेठ और यशोधरा नगर थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू हटाने का आदेश दिया। हालांकि, संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था के तहत पुलिस तैनाती और गश्त जारी रहेगी। इससे पहले 20 और 22 मार्च को अन्य थाना क्षेत्रों से कर्फ्यू हटाया जा चुका था।
विवाद के बाद हिंसा, कई पुलिसकर्मी घायल
हिंसा की जड़ें 17 मार्च के उस प्रदर्शन से जुड़ी थीं, जब बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर विरोध किया था। इस दौरान नागपुर में हरे रंग की चादर जलाने का आरोप लगने पर विवाद भड़क गया, जिसने हिंसा का रूप ले लिया। इस घटना में डिप्टी पुलिस कमिश्नर स्तर के तीन अधिकारियों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए थे।



