अयोध्या में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि उनकी तीन पीढ़ियों ने श्रीराम जन्मभूमि के लिए संघर्ष किया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार सत्ता के लिए नहीं आई है, बल्कि आस्था और संस्कृति की रक्षा के लिए कार्य कर रही है। योगी ने कहा कि यदि राम मंदिर के लिए सत्ता भी गंवानी पड़ी तो इसमें कोई समस्या नहीं होगी।
दीपोत्सव को बताया ‘बड़ा फेस्टिवल’
मुख्यमंत्री ने अयोध्या में दीपोत्सव के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे भव्य और ऐतिहासिक आयोजन बताया। उन्होंने कहा कि आज दीपोत्सव लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ा पर्व बन चुका है, जिसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। योगी आदित्यनाथ ने याद दिलाया कि जब उन्होंने दीपोत्सव की शुरुआत की थी, तब कुछ लोगों ने आशंका जताई थी कि इससे विवाद खड़ा हो सकता है, लेकिन उनकी सरकार ने दृढ़ संकल्प के साथ इसे सफल बनाया।

समाजवादी पार्टी पर अप्रत्यक्ष हमला
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में समाजवादी पार्टी पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक वर्ग हमेशा राम मंदिर के मुद्दे को लेकर भ्रम फैलाता रहा है, लेकिन उनकी सरकार इस विषय पर स्पष्ट है — आस्था के प्रश्न पर किसी प्रकार का समझौता नहीं होगा। योगी ने अपने बयान में दोहराया कि उनकी सरकार सत्ता के मोह में नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति की सेवा के लिए कार्य कर रही है।
अयोध्या के संतों ने की योगी के बयान की सराहना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर अयोध्या के संतों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की। हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा कि योगी आदित्यनाथ पहले संत हैं, बाद में मुख्यमंत्री। उन्होंने बताया कि योगी के पूर्वज तीन पीढ़ियों से राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे हैं। महंत राजू दास ने याद किया कि जब योगी आदित्यनाथ पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या आए थे, तब उन्होंने कहा था कि यदि राम मंदिर के लिए कुर्सी भी छोड़नी पड़े तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। राष्ट्रवादी बालसंत दिवाकर आचार्य ने भी योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में उन्होंने जो कार्य किए हैं, उससे उत्तर प्रदेश की 27 करोड़ जनता स्वयं को सौभाग्यशाली महसूस कर रही है।



