मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मऊगंज जिले के गड़रा गांव में हुई हिंसा की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि इस अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण घटना के सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने साफ किया कि इस मामले में किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस टीम पर हमले में ASI की मौत
शनिवार को मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में दो पक्षों के बीच विवाद हो गया था। इस सूचना पर तहसीलदार, थाना प्रभारी और पुलिस टीम मौके पर पहुंची। तभी वहां हिंसा भड़क उठी, जिसमें पुलिस टीम के एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। इस घटना में तहसीलदार समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
हिंसा के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तत्काल क्षेत्र में धारा 144 लागू करने के निर्देश दिए। इसके अलावा डीआईजी रीवा, एसपी मऊगंज सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रण में लिया। मुख्यमंत्री ने एडीजी रीवा जोन को भी मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए, साथ ही डीजी पुलिस को घटनास्थल पर पहुंचकर पर्यवेक्षण करने को कहा।

दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि इस घटना में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। मुख्यमंत्री ने घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए शहीद हुए एएसआई के प्रति संवेदना व्यक्त की।
ASI रामचरण गौतम को मिलेगा शहीद का दर्जा
मऊगंज हिंसा में शहीद हुए एएसआई रामचरण गौतम को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहीद का दर्जा देने की घोषणा की है। सीएम ने ट्वीट कर बताया कि कर्तव्य पालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्व. रामचरण गौतम के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही उनके पात्र उत्तराधिकारी को शासकीय सेवा में नियुक्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने वीर सपूतों के लिए हमेशा नतमस्तक रहेगी।



