वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट पर इस बार की होली का नजारा अद्भुत था। अघोरी और नागा साधुओं ने 50 क्विंटल भस्म से होली खेली, जिसमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हुए। मान्यता है कि भगवान शिव अदृश्य रूप में इस होली में शामिल होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। जलती चिताओं के बीच गूंजते “हर-हर महादेव” के जयघोष और डमरू की थाप ने इस अनोखी होली को दिव्य बना दिया।
अघोरियों का अनूठा अंदाज: नरमुंड माला और चिता भस्म
इस होली में अघोरियों और नागा साधुओं के गले में नरमुंडों की माला थी और हाथों में भस्म। किसी के गले में सांप लिपटा था, तो किसी का शरीर भस्म से पुता हुआ था। उनका अद्भुत नृत्य और रहस्यमयी अंदाज देखकर वहां मौजूद लोग मंत्रमुग्ध हो गए। घाट से लेकर सड़कों तक चारों ओर सिर्फ भस्म ही नजर आ रही थी, मानो पूरा क्षेत्र भगवान शिव की इस विशेष होली में डूब गया हो।

विदेशी पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बनी भस्म होली
इस अनोखी परंपरा को देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे। इंदौर से आई शिवानी ने कहा कि उन्होंने इससे पहले ऐसी होली कभी नहीं देखी थी। विदेशी पर्यटक भी इस होली में भस्म उड़ाते और नागा साधुओं के साथ नृत्य करते नजर आए। उनकी आंखों में आश्चर्य और उल्लास का अद्भुत मिश्रण था, जिसने बनारस की मसान की होली को यादगार बना दिया।

काशी की अनोखी परंपरा: मसाने की होली का अद्भुत आयोजन
काशी की मसाने की होली विश्वभर में अपनी अनूठी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। यह आयोजन शिव और मृत्यु के महात्म्य को दर्शाता है, जहां चिता भस्म और नरमुंडों के बीच भक्तगण जीवन के उत्सव का आनंद लेते हैं। रंगभरी एकादशी के इस पावन पर्व पर आस्था और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। बाबा विश्वनाथ की नगरी में इस खास आयोजन ने श्रद्धालुओं को शिवमय कर दिया, जहां डमरू की ध्वनि और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।
श्रद्धालुओं और विशिष्ट लोगों ने बढ़ाया आयोजन का गौरव
इस भव्य आयोजन में कई विशिष्ट जन शामिल हुए, जिनमें पूर्व विधान परिषद सदस्य बृजेश सिंह, केशव जालान, निधिदेव अग्रवाल, संतोष पाल, मुनि पटेल, तमन राय, वेदवती, माधुरी, श्रवण भारद्वाज, दीपचंद्र विश्वकर्मा, शिवनंदन सर्वधार, संतोष सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे। इनकी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भव्य बना दिया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भस्म और गुलाल उड़ाते हुए शिव की भक्ति में लीन होकर उत्सव का आनंद लिया।



