दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भाजपा के फ्यूचर पॉलिटिक्स प्लान का खुलासा कर दिया है, जिससे आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्होंने झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने की घोषणा की है, जो पिछले 10 वर्षों से AAP का मजबूत वोट बैंक रहा है। अब, भाजपा इस समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए नए योजनाओं और नीतियों पर काम कर रही है।
जनसंपर्क और बजट से बदलेगी राजनीति की दिशा
रेखा गुप्ता ने कहा कि वह झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली बहनों और परिवारों से सीधे संवाद करेंगी और उनकी समस्याओं को समझेंगी। उन्होंने युवाओं, पेशेवरों और विभिन्न वर्गों के लोगों से चर्चा कर दिल्ली का ऐसा बजट तैयार करने की बात कही जो जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरे। उन्होंने भाजपा के वादों को दोहराते हुए कहा कि सरकार महिलाओं को 2500 रुपये देने, 21,000 रुपये की योजना और रसोई गैस सिलेंडर के वादे को पूरा करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को सीधा जवाब
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी लगातार भाजपा सरकार से सवाल कर रही थीं कि महिलाओं को 2500 रुपये कब मिलेंगे। इस पर रेखा गुप्ता ने दो टूक जवाब देते हुए कहा कि “हमारे वादे पूरे होंगे, लेकिन लोगों को याद दिलाने की जरूरत नहीं कि 3 दिन बचे हैं, 2 दिन बचे हैं”। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा अपने घोषणापत्र के सभी वादों को पूरा करेगी और दिल्ली की जनता को उनका हक मिलेगा। यह बयान आने वाले दिनों में दिल्ली की राजनीति में भारी हलचल मचा सकता है।

झुग्गी-झोपड़ी वोट बैंक पर बीजेपी की नजर
दिल्ली की सत्ता में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बीजेपी अब झुग्गी-झोपड़ी वोट बैंक पर पूरी तरह फोकस कर रही है। पार्टी को पहले से ही 34-35% मध्यवर्गीय वोटरों का समर्थन मिलता रहा है, लेकिन झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों में अभी भी AAP और कांग्रेस की अच्छी पकड़ बनी हुई है। आरएसएस ने भी चुनाव से पहले इन समुदायों के बीच पहुंचकर माहौल बदलने की रणनीति अपनाई। अब बीजेपी इन इलाकों में महिला सम्मान योजना, मुफ्त सिलेंडर, गर्भवती महिलाओं के लिए 25,000 रुपये जैसी योजनाओं के जरिए वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली चुनाव में ‘जेजे फैक्टर‘ का बढ़ता असर
दिल्ली की राजनीति में ‘जेजे फैक्टर‘ यानी झुग्गी-झोपड़ी वोटबैंक का प्रभाव काफी ज्यादा है। राजधानी में करीब 750 झुग्गी बस्तियां हैं, जिनमें 30 लाख से ज्यादा लोग रहते हैं। 2025 के चुनाव में झुग्गी वोटरों का एक बड़ा हिस्सा बीजेपी के पक्ष में चला गया, जिससे AAP का वोट शेयर घटकर 36-46% रह गया, जबकि बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 41-51% तक पहुंच गया। बीजेपी इस बढ़ते समर्थन को अपनी जीत के लिए एक सुनहरे मौके के रूप में देख रही है और इसी रणनीति के तहत झुग्गी-झोपड़ी में अपनी जड़ें मजबूत करने पर जोर दे रही है।



