छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और आर्थिक नीति से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए। मंत्रिपरिषद ने आबकारी नीति, भूमि प्रबंधन, और व्यापार सुगमता को लेकर कई संशोधनों को मंजूरी दी, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आबकारी नीति 2025-26 को दी गई मंजूरी
कैबिनेट बैठक में छत्तीसगढ़ आबकारी नीति वित्तीय वर्ष 2025-26 को स्वीकृति दी गई। नई नीति पिछले वर्ष की नीति के अनुरूप होगी, जिसमें 674 शराब दुकानों और आवश्यकतानुसार प्रीमियम शराब दुकानों को जारी रखने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, विदेशी शराब के थोक क्रय और वितरण की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दी गई है। सरकार ने विदेशी शराब की फुटकर दुकानों पर लगने वाले 9.5% अतिरिक्त आबकारी शुल्क को समाप्त करने का निर्णय भी लिया है।
व्यापार को सरल बनाने के लिए सशक्त समिति समाप्त
राज्य में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और प्रभावी बनाने के लिए कैबिनेट ने ई-प्रोक्योरमेंट से जुड़ी सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया। वर्तमान में 100 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं को पीएफआईसी (PFIC) द्वारा स्वीकृत किया जा रहा है, जिससे अनुमोदन प्रक्रिया के दोहराव से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके साथ ही, बड़ी आईटी परियोजनाओं के अनुमोदन को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए पहले से स्थापित सशक्त समिति की अनिवार्यता को भी हटा दिया गया है।

उपभोक्ता मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए नया पद सृजित
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे और उपभोक्ता मामलों की समयबद्ध सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए एक नए सदस्य पद के सृजन को मंजूरी दी है। यह निर्णय राज्य में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और न्याय प्रक्रिया को तेज करने के उद्देश्य से लिया गया है। साथ ही, राज्य में धान एवं चावल परिवहन दरों से संबंधित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को भी स्वीकृति दी गई, जिससे किसानों और व्यापारियों को राहत मिलेगी।
औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा
कैबिनेट बैठक में छत्तीसगढ़ श्रम विधियां संशोधन एवं विविध प्रकीर्ण उपबंध विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई, जिसके तहत कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 और ट्रेड यूनियन अधिनियम-1976 में संशोधन किया जाएगा। इसके अलावा, रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 में भी आवश्यक संशोधन को स्वीकृति दी गई है। राज्य में औद्योगिक विकास नीति 2024-30 पहले से प्रभावी है, लेकिन इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन भंडार क्रय नियम-2002 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। वहीं, राज्य सरकार और ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ संगठन के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर की अनुमति दी गई, जिससे ग्रामीण छत्तीसगढ़ के विकास और आजीविका सृजन को गति मिलेगी।



