राजधानी भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र गोविंदपुरा स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में शनिवार दोपहर भीषण आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि उसे काबू पाने में नगर निगम, पुलिस, सीआईएसएफ और एसडीईआरएफ की टीमों को पांच घंटे से अधिक समय लग गया। इस हादसे में फैक्ट्री पूरी तरह जलकर खाक हो गई, जिससे लाखों का नुकसान होने की आशंका है। वहीं, आग बुझाने में देरी को लेकर फायर सिस्टम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
फायर सिस्टम पर उठे सवाल, सुरक्षा मानकों की खुली पोल
बीजेपी नेता और पूर्व पार्षद गिरीश शर्मा ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि गोविंदपुरा अब केमिकल भंडारण का हब बनता जा रहा है, लेकिन सरकार इस पर कोई पाबंदी नहीं लगा रही। लाखों लीटर ज्वलनशील पदार्थ थिनर यहां स्टोर किया जाता है, जो पेट्रोल से बनता है और बेहद खतरनाक होता है। शर्मा ने आरोप लगाया कि भोपाल में दो प्रमुख फायर सिस्टम हैं, लेकिन वे इस आग पर समय रहते काबू पाने में असफल रहे। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि अगर फैक्ट्री में फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं था, तो इसे एनओसी कैसे मिल गई?
फायर ब्रिगेड की 12 गाड़ियां मौके पर, घंटों चला बचाव अभियान
आग की सूचना मिलते ही गोविंदपुरा फायर स्टेशन, बोगदापुल, आईएसबीटी, माता मंदिर और फतेहगढ़ से 12 फायर ब्रिगेड मौके पर भेजी गईं। आग की तीव्रता अधिक होने के कारण भेल, एसडीईआरएफ और पुलिस की फायर ब्रिगेड को भी बुलाना पड़ा। हालांकि, फायर ब्रिगेड की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया, लेकिन तब तक फैक्ट्री पूरी तरह जल चुकी थी। इस घटना ने एक बार फिर भोपाल के फायर सिस्टम की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रशासन की लापरवाही उजागर कर दी है।

फैक्ट्री का पूरा सामान जलकर राख, दीवारें तक तोड़ी गईं
इस भीषण आग में फैक्ट्री के अंदर रखा लगभग पूरा सामान जलकर राख हो गया। आग इतनी भयावह थी कि उसे बुझाने के लिए दमकल कर्मियों को फैक्ट्री की दीवारें तक तोड़नी पड़ीं। इससे पहले, खिड़कियों को तोड़कर आग बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन लपटें तेजी से बढ़ती गईं। सुरक्षा के मद्देनजर आसपास की फैक्ट्रियों में कामकाज रोक दिया गया। आग की गंभीरता को देखते हुए फैक्ट्री के चारों ओर पानी की बौछारें की गईं। वहीं, गोविंदपुरा, अयोध्या नगर और पिपलानी थाने की पुलिस टीम मौके पर तैनात रही। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
पांच साल में चौथी बार लगी आग, सुरक्षा पर सवाल
गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र चौकी प्रभारी पवन कुमार सेन ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। हालांकि, चौंकाने वाली बात यह है कि बीते पांच वर्षों में इस फैक्ट्री में यह चौथी बार आग लगी है। फैक्ट्री के मालिक प्रेम चावला बताए जा रहे हैं, लेकिन बार-बार आग लगने की घटनाओं के बावजूद सुरक्षा उपायों में कोई सुधार नहीं किया गया। इस बार लगी आग इतनी भयावह थी कि इसका धुआं 10 से 15 किलोमीटर दूर तक दिखाई दिया। अशोका गार्डन थाना प्रभारी हेमंत श्रीवास्तव ने कहा कि पूरे मामले की जांच की जाएगी और सुरक्षा नियमों की अनदेखी की गई है या नहीं, इसका भी आकलन होगा।
बड़ा विस्फोट टला, हादसे में बची कई जानें
फैक्ट्री में ज्वलनशील केमिकल की भारी मात्रा में मौजूदगी से हादसा और भी गंभीर हो सकता था। वहां करीब ढाई सौ ड्रम केमिकल से भरे हुए थे और फैक्ट्री के पीछे अंडरग्राउंड केमिकल टैंक भी था। गनीमत रही कि आग उस टैंक तक नहीं पहुंची, वरना जबरदस्त विस्फोट हो सकता था, जिससे आसपास के इलाकों को भी भारी नुकसान होता। आग में एक ऑटो भी जलकर पूरी तरह खाक हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि सुबह फैक्ट्री में पूजा-पाठ और हवन किया जा रहा था, जिसके बाद यह आग लगी। हालांकि, आग लगने के असली कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है।



