प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश काल के पुराने कानूनों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश 75 सालों तक उन कानूनों को झेलता रहा, जो अंग्रेजों ने अपनी हुकूमत को बनाए रखने के लिए बनाए थे। ऐसे ही एक कानून ‘ड्रामेटिक परफॉर्मेंस एक्ट’ का जिक्र करते हुए मोदी ने बताया कि इस कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर 10 से अधिक लोगों के नाचने पर गिरफ्तारी का प्रावधान था। उन्होंने कहा कि यह कानून स्वतंत्रता के बाद भी बरकरार रहा, लेकिन उनकी सरकार ने इसे हटा दिया।
लुटियंस लॉबी और खान मार्केट गैंग पर निशाना
मोदी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस कानून के खिलाफ वर्षों तक कोई आवाज नहीं उठी। उन्होंने ‘लुटियंस जमात‘ और ‘खान मार्केट गैंग‘ को निशाने पर लेते हुए सवाल किया कि ये लोग, जो खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सबसे बड़े पैरोकार बताते हैं, इतने वर्षों तक इस अन्यायपूर्ण कानून के खिलाफ खामोश क्यों रहे? उन्होंने PIL (जनहित याचिका) के ठेकेदारों पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग हर छोटी बात पर कोर्ट चले जाते हैं, वे इतने सालों तक इस कानून को चुनौती क्यों नहीं दे सके?
नए भारत की ओर कदम
मोदी ने इस कानून को खत्म करने को ‘नए भारत’ की दिशा में एक अहम कदम बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य आम जनता को बिना वजह की कानूनी उलझनों से बचाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में अब ऐसे अव्यवहारिक कानूनों की कोई जगह नहीं है, और उनकी सरकार भविष्य में भी इसी तरह जनता के हित में फैसले लेती रहेगी।

भारत के पुराने कानूनों में बदलाव की पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक अहम बयान देते हुए बताया कि उनकी सरकार ने कई ऐसे पुराने कानूनों को खत्म किया है, जो आज के समय में अप्रासंगिक हो चुके थे। उन्होंने बांस काटने पर जेल की सजा देने वाले कानून का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले की सरकारें यह समझ ही नहीं पाईं कि बांस एक घास है, न कि पेड़। उनकी सरकार ने इस कानून को समाप्त कर दिया, जिससे किसानों और बांस उद्योग से जुड़े लोगों को बड़ी राहत मिली।
भारत की वैश्विक पहचान को नई ऊंचाई
प्रयागराज में हाल ही में संपन्न हुए एकता के महाकुंभ का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूरी दुनिया इस आयोजन से चकित रह गई। करोड़ों लोग एक अस्थायी शहर में केवल आस्था के कारण आते हैं, यह भारत की सांस्कृतिक और प्रबंधन क्षमता को दर्शाता है। इसी तरह, भारत अब वैश्विक आयोजनों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। G20 समिट में भारत ने इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEEC) की परिकल्पना रखी और अफ्रीकी संघ को G20 का सदस्य बनाकर ग्लोबल साउथ की आवाज को बुलंद किया।
AI और भारत का बढ़ता वर्चस्व
प्रधानमंत्री मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि भारत AI के क्षेत्र में अग्रणी बन रहा है। उन्होंने कहा कि हेल्थ, एजुकेशन और एग्रीकल्चर जैसे अहम सेक्टर्स में AI के उपयोग से क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं। इसके अलावा, भारत अब दुनिया का 7वां सबसे बड़ा कॉफी एक्सपोर्टर बन गया है, जो इस बात का संकेत है कि भारत सिर्फ ‘बैक ऑफिस’ नहीं, बल्कि ‘वर्ल्ड फोर्स’ बनने की ओर अग्रसर है।



