छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बागेश्वर धाम में आयोजित शिवरात्रि महोत्सव और 251 निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए। इस पावन अवसर पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ संत परंपरा और धर्मनिष्ठा की भूमि है। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का अधिकांश समय यहीं बिताया था, जिससे यह भूमि और भी पावन हो जाती है। मुख्यमंत्री ने इस भव्य आयोजन में सम्मिलित होने को सौभाग्य की बात बताते हुए कहा कि संस्कार और संस्कृति किसी भी व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण आधार होते हैं।
नक्सलवाद के खात्मे के लिए सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में नक्सलवाद उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि डबल इंजन सरकार के सहयोग से यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि 31 मार्च 2026 तक प्रदेश से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सुरक्षा बल इस अभियान में पूरी शक्ति से जुटे हुए हैं, और गृह मंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में यह मिशन सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है।
संस्कार और संस्कृति का संरक्षण आवश्यक
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि समाज की उन्नति के लिए संस्कार और संस्कृति का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि धार्मिक और सामाजिक आयोजनों से समाज में सकारात्मकता का संचार होता है। उन्होंने बागेश्वर धाम में हुए इस ऐतिहासिक विवाह समारोह को सामाजिक उत्थान की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल बताया और प्रदेश की जनता से अपनी संस्कृति को संजोए रखने की अपील की।

धर्मांतरण रोकथाम और समाज की मूल पहचान को संरक्षित करने का संकल्प
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में धार्मिक और सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए धर्मांतरण रोकथाम और घर वापसी अभियान को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी के योगदान को याद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार धर्मांतरण के विरुद्ध कठोर नीति अपनाएगी और समाज को उसकी मूल पहचान से जोड़ने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन संस्कृति की रक्षा करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है और सरकार इस दिशा में सतत कार्य कर रही है।
सामूहिक विवाह आयोजन: एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायी पहल
बागेश्वर धाम में आयोजित 251 निर्धन कन्याओं के सामूहिक विवाह को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया। मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन को समाज में एकता, सद्भाव और सनातन धर्म की महिमा को पुनर्स्थापित करने का ऐतिहासिक अवसर बताया। उन्होंने कहा कि वैदिक रीति-रिवाजों से संपन्न इस विवाह समारोह में नवविवाहित जोड़ों को गृहस्थी का संपूर्ण सामान प्रदान किया जाएगा, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित और सुखमय हो सके। छत्तीसगढ़ सरकार इस पवित्र आयोजन में अपनी भागीदारी को गौरव का विषय मानती है और भविष्य में भी ऐसे सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में सहयोग देने के लिए संकल्पित है।



