कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर इस्कॉन भोपाल में श्री श्री गौर राधा वल्लभ विग्रह स्थापना का प्रथम ब्रह्मोत्सव भक्तिभाव और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। अधिवास अनुष्ठान से आरंभ हुए इस उत्सव में श्री विग्रहों को विविध द्रव्यों से अर्पण किया गया। कार्तिक पूर्णिमा की सुबह मंदिर परिसर मंगल आरती और हरिनाम संकीर्तन से गूंज उठा। इसके पश्चात निकली शोभायात्रा में सुसज्जित पालकी में विराजमान श्री श्री गौर राधा वल्लभ के विग्रह का नगर भ्रमण कराया गया, जिसमें भक्तों ने भक्ति गीतों और प्रसाद वितरण से वातावरण को पावन बना दिया।
अभिषेकम और नाट्य प्रस्तुति ने बांधा समा
भोपाल, नर्मदापुरम्, जयपुर और गुजरात से आए सैकड़ों भक्तों ने मिलकर दूध, दही, मधु और फलों के रस से भगवान का अभिषेक किया। मंदिर में हरिनाम कीर्तन की गूंज से भक्ति रस छा गया। इस्कॉन यूथ फोरम के युवा भक्तों ने “साक्षी गोपाल” की नाटिका प्रस्तुत कर सभी को भावविभोर कर दिया। इस नाट्य प्रस्तुति में यह संदेश दिया गया कि श्रीविग्रह केवल मूर्ति नहीं, बल्कि स्वयं भगवान का साक्षात् स्वरूप हैं, जो भक्तों के प्रेम और सेवा का प्रत्युत्तर देते हैं।

वृंदावन से आया दिव्य श्रृंगार
श्री श्री गौर राधा वल्लभ जी को वृंदावन से विशेष रूप से मंगवाए गए सुंदर परिधानों और आभूषणों से सजाया गया। लगभग दो लाख रुपये की लागत से तैयार किए गए इन दिव्य वस्त्रों और आभूषणों ने भगवान के अलौकिक सौंदर्य को और भी निखार दिया। दर्शन करते ही भक्त भावविभोर हो उठे और मंदिर परिसर में भक्ति और आनंद का वातावरण छा गया।

भक्तों की सेवा और महाप्रसाद का आयोजन
मंदिर के गृहस्थ एवं ब्रह्मचारी भक्तों ने मिलकर सभी दर्शनार्थियों के लिए महाप्रसाद की भव्य व्यवस्था की। सैकड़ों भक्तों ने सेवा में भाग लेते हुए प्रेमपूर्वक प्रसाद वितरण किया। प्रचुर मात्रा में महाप्रसाद पाकर भक्तों ने इसे भगवान का आशीर्वाद माना और पूरे उत्सव के दौरान भक्ति, प्रेम और समर्पण की भावना से ओत-प्रोत रहे।



