CM मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की महिलाएं अब जॉब सीकर नहीं, जॉब क्रिएटर बन रही हैं — स्टार्टअप में 47% से अधिक योगदान के साथ, सरकार रोजगारपरक इंडस्ट्री में जुड़ी महिलाओं को हर महीने ₹5000 देगी।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की बहनें अब जॉब सीकर नहीं, बल्कि जॉब क्रिएटर बन रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 47% से अधिक स्टार्टअप में महिलाओं की अहम भूमिका है। सीएम ने रोजगारपरक इंडस्ट्री से जुड़ी महिलाओं को हर महीने ₹5,000 देने की नई योजना का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ पैसों का नहीं, बल्कि सम्मान का सवाल है। योजना की शुरुआत ₹1,000 से हुई थी, जिसे अब ₹1,500 प्रति माह तक बढ़ाया गया है।
62 लाख महिलाएं स्व–सहायता समूहों से जुड़ीं
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की 62 लाख महिलाएं 5 लाख से अधिक स्व-सहायता समूहों के साथ सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। लखपति बहना योजना के तहत अब तक 1 लाख से अधिक महिलाओं को लाभ मिल चुका है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की महिलाएं सशक्त हो रही हैं, जबकि कांग्रेस शासन में उनके लिए कोई ठोस पहल नहीं हुई। आगे सरकार का लक्ष्य है कि लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की भागीदारी 33% तक सुनिश्चित की जाए।
इतिहास रचने वाली वीरांगनाओं को किया नमन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिलाओं के योगदान को नमन करते हुए कहा कि रानी दुर्गावती, रानी लक्ष्मीबाई और गौंड रानी कमलापति ने इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति अद्भुत है, जहाँ 33 करोड़ देवी-देवता तीन प्रमुख देवियों में समाहित हैं — मां सरस्वती बुद्धि की देवी हैं, मां महालक्ष्मी समृद्धि देती हैं और मां भवानी-रण चंडी शक्ति का प्रतीक हैं। सीएम ने कहा कि मां दुर्गा का क्रोध संपूर्ण ब्रह्मांड को हिला देता है, और उसे शांत करने के लिए स्वयं भगवान महादेव को नीचे लेटना पड़ा।
‘भारत माता की जय’ हमारी संस्कृति का सार
सीएम मोहन यादव ने कहा कि माताओं और बहनों का सम्मान हमारी संस्कृति की आत्मा है। दशहरा महिषासुर मर्दिनी की विजय का प्रतीक है और महिलाओं को शक्ति देकर हम अपनी प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित कर सकते हैं। उन्होंने गर्व से कहा कि दुनिया के 200 से अधिक देशों में से केवल भारत ही ऐसा देश है, जो मातृसत्ता से जुड़ा है — इसलिए हम कहते हैं ‘भारत माता की जय’। समारोह में ‘भोपाल वुमन हब’ के आयोजन के तहत कई प्रतिभाशाली महिलाओं और पुरुषों को सम्मानित किया गया, जिनमें राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता और पैरालंपिक में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के हर प्रयास के लिए प्रतिबद्ध है।


