मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भावांतर भुगतान योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह किसानों को फसलों का उचित मूल्य दिलाकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है और किसानों की समृद्धि ही प्रदेश की उन्नति का आधार है।

मध्यप्रदेश में भावांतर भुगतान योजना को लेकर किसानों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। योजना की राशि मिलने के बाद किसानों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताते हुए इंदौर के देपालपुर और उज्जैन में भव्य ट्रैक्टर रैली निकाली। सैकड़ों किसान सड़कों पर उतरे और सरकार के प्रति समर्थन व्यक्त किया। किसानों का कहना था कि मुख्यमंत्री ने संकट की घड़ी में आर्थिक मदद देकर उनके जीवन में नई उम्मीद जगाई है, खासकर त्योहारों से पहले यह राहत बड़ा संबल साबित हुई है।
मुख्यमंत्री ने की किसानों से संवाद
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्योपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देपालपुर के किसानों से संवाद किया और कहा कि किसानों की समृद्धि ही प्रदेश की प्रगति का आधार है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इसी भावना से सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए भावांतर योजना लागू की है। देपालपुर और उज्जैन में निकली ट्रैक्टर रैलियों में किसानों ने “धन्यवाद सीएम मोहन यादव” जैसे नारे लगाए और ट्रैक्टरों पर पोस्टर-बैनर लगाकर अपनी खुशी जाहिर की।
किसानों को उचित मूल्य दिलाने का संकल्प
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट कहा है कि प्रदेश सरकार किसानों को सोयाबीन का उचित मूल्य दिलाने के लिए पूरी तरह संकल्पित है। भावांतर योजना के तहत लिया गया यह फैसला किसान संघों के सुझाव पर आधारित है, ताकि किसी भी किसान को फसल बेचने पर नुकसान न उठाना पड़े। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अगर किसान अपनी फसल मंडी में एमएसपी से कम कीमत पर बेचते हैं, तो सरकार विक्रय मूल्य और एमएसपी के अंतर की राशि सीधे किसानों को प्रदान करेगी।
भावांतर योजना से मिलेगा आर्थिक संबल
डॉ. मोहन यादव की पहल पर सोयाबीन उत्पादक किसानों के लिए लागू की गई भावांतर योजना से किसानों को बड़ा आर्थिक संबल मिलेगा। प्रदेश में ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की प्रक्रिया 3 अक्टूबर से शुरू होकर 17 अक्टूबर तक चलेगी, जबकि योजना 24 अक्टूबर से प्रभावी होगी। इसके तहत, सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि कोई भी किसान अपनी मेहनत का पूरा मूल्य पाए और कृषि को लाभकारी व्यवसाय के रूप में आगे बढ़ाया जा सके।


