उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए कल वोटिंग होगी, नतीजे तुरंत आएंगे; पिछली बार जीत का अंतर दोगुना था, लेकिन इस बार मुकाबला कांटे का है।

मंगलवार को होने वाले मतदान के बाद देश को नया उपराष्ट्रपति मिलेगा। 21 जुलाई को जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के बाद अब यह चुनाव कराया जा रहा है। खास बात यह है कि इस बार वोटिंग के कुछ ही घंटों में नतीजा घोषित कर दिया जाएगा। पिछले दो दशकों में जीत का अंतर लगातार बढ़ा है—2002 में भैरों सिंह शेखावत 149 वोट से जीते थे, जबकि 2022 में धनखड़ ने 346 वोट से जीत दर्ज की थी।
NDA और इंडिया गठबंधन आमने-सामने
इस बार NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि इंडिया गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। आंकड़ों के हिसाब से NDA को बढ़त है, लेकिन विपक्ष की मजबूती के कारण मुकाबला करीबी माना जा रहा है। दिल्ली में भाजपा और इंडिया गठबंधन अपने सांसदों को मतदान की ट्रेनिंग दे रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने सहयोगी दलों के नेताओं को डिनर पर बुलाकर रणनीति साधने की कोशिश भी की है।
मतदान और नियम
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन में होगा। इसके बाद शाम 6 बजे वोटों की गिनती शुरू होगी और तुरंत परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। हर सांसद को विशेष पेन से बैलेट पेपर पर पहली वरीयता दर्ज करनी होगी, वरना वोट अमान्य हो जाएगा। 2017 में 11 और 2022 में 15 वोट अमान्य हुए थे। इस चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के सांसद मतदान करते हैं, लेकिन इसके लिए कोई व्हिप जारी नहीं हो सकती। गुप्त मतदान की वजह से क्रॉस वोटिंग की संभावना बनी रहती है।
जीत का समीकरण और इतिहास
लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर NDA के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जबकि बहुमत के लिए 391 वोट ही जरूरी हैं। ऐसे में NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। पिछले 20 सालों में जीत का अंतर लगातार बढ़ता गया है—2002 में भैरों सिंह शेखावत ने 149 वोट से जीत हासिल की थी, जबकि 2022 में जगदीप धनखड़ ने मार्गरेट अल्वा को 346 वोट से हराया था। हालांकि सबसे बड़ी जीत 1992 में डॉ. केआर नारायणन की रही, जब उन्हें 700 वोट मिले और उनके प्रतिद्वंद्वी को सिर्फ एक वोट मिला।


