यूक्रेन युद्ध पर ट्रम्प के भारत विरोधी बयान के बाद पुतिन ने कहा—मोदी और जिनपिंग से ऐसी भाषा में बात नहीं करनी चाहिए।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रम्प से दो टूक कहा कि अमेरिका भारत और चीन से इस तरह की भाषा में बात नहीं कर सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रम्प प्रशासन इन देशों पर ज्यादा टैरिफ और प्रतिबंध लगाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। चीन के विक्ट्री डे परेड में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में पुतिन ने कहा कि भारत और चीन जैसी एशिया की बड़ी शक्तियों को कमजोर करना अमेरिका की रणनीति है।
“औपनिवेशिक मानसिकता छोड़नी होगी”
पुतिन ने ट्रम्प को रूढ़ीवादी मानसिकता वाला करार देते हुए कहा कि औपनिवेशिक युग अब खत्म हो चुका है और अमेरिका को यह समझना होगा कि साझेदार देशों से बातचीत में सम्मानजनक भाषा जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन का इतिहास हमलों से भरा रहा है, ऐसे में इनके नेता अगर कमजोरी दिखाएंगे तो उनका राजनीतिक करियर खतरे में पड़ सकता है। साथ ही पुतिन ने उम्मीद जताई कि भविष्य में तनाव कम होगा और सामान्य राजनीतिक बातचीत फिर शुरू होगी।
SCO समिट में दिखी भारत-रूस-चीन की दोस्ती
1 सितंबर को चीन के तियानजिन में आयोजित SCO बैठक के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग एक साथ नजर आए। फोटो सेशन के दौरान तीनों नेताओं ने हाथ पकड़कर आपसी दोस्ती का संदेश दिया। मोदी ने रूस को विशेष और विश्वसनीय साझेदार बताया, जबकि जिनपिंग ने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी आबादी वाले देशों को दोस्त बने रहना चाहिए। इस त्रिकोणीय एकजुटता से अमेरिका में बेचैनी देखी जा रही है।
कार में हुई गोपनीय बातचीत
SCO बैठक के बाद पुतिन ने पीएम मोदी को अपनी लग्जरी कार AURUS लिमोज़िन में साथ बैठाकर होटल तक छोड़ा। इस दौरान दोनों नेताओं ने वन-टू-वन बातचीत की और होटल पहुंचने के बाद भी करीब 50 मिनट तक कार से बाहर नहीं निकले। मॉस्को के राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बातचीत बेहद अहम और गोपनीय थी, जिसमें ऐसे मुद्दों पर चर्चा हुई जो सार्वजनिक मंच पर नहीं किए जा सकते थे।


