मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रतलाम के कुंडाल गांव में 246 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन करते हुए घोषणा की कि वर्ष 2028 तक मध्यप्रदेश को ‘मिल्क कैपिटल’ बनाया जाएगा और किसानों-पशुपालकों की आय बढ़ाई जाएगी।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रतलाम जिले के कुंडाल गांव में आयोजित कार्यक्रम में किसानों और पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य को वर्ष 2028 तक “मिल्क केपिटल” बनाया जाएगा। सरकार अब गाय के दूध की भी खरीदी करेगी और उसकी कीमत ज्यादा देगी। डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के अंतर्गत 25 गायों और ₹42 लाख की गौशाला यूनिट पर सरकार ₹10 लाख तक का प्रोत्साहन अनुदान देगी।
विकास कार्यों का लोकार्पण एवं धार्मिक स्थलों का संवर्धन
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में रिमोट से 246 करोड़ रुपए की लागत के 57 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इसमें 158.64 करोड़ रुपए के 37 कार्यों का लोकार्पण और 87.27 करोड़ के 20 कार्यों का भूमि-पूजन शामिल रहा। उन्होंने कोटेश्वर और विरुपाक्ष महादेव जैसे धार्मिक स्थलों के विकास की भी घोषणा की, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
परिवहन और आधारभूत संरचना में सुधार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्षेत्रीय ग्रामीणों की सुविधा के लिए 113 करोड़ रुपये की पेयजल योजना और मोरकुंडवा सिंचाई योजना को स्वीकृति दी। रतलाम-खाचरोद के बीच 220 करोड़ रुपये की लागत से फोरलेन सड़क बनाने की घोषणा भी की गई। साथ ही उन्होंने सैलाना क्षेत्र के लोगों को भरोसा दिलाया कि खरमोर पक्षी अभयारण्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री सुगम परिवहन बस सेवा योजना’ के तहत प्रदेश में सार्वजनिक बस सेवा फिर से शुरू की जाएगी, जिसकी शुरुआत मालवा अंचल से होगी। जावरा से उज्जैन तक ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की योजना का लाभ भी रतलाम को मिलेगा।
रतलाम की पहचान पर जोर
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि आगामी पांच वर्षों में राज्य सरकार 2.5 लाख शासकीय पदों पर भर्ती करेगी और अगले तीन वर्षों में पुलिस विभाग के सभी रिक्त पद भरे जाएंगे। महिला सशक्तिकरण के लिए ‘लाड़ली बहना योजना’ के तहत भाईदूज से प्रत्येक बहन को ₹1500 प्रतिमाह की सहायता राशि दी जाएगी, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाकर ₹3000 प्रतिमाह तक किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने रतलाम की सांस्कृतिक पहचान को भी सराहा, खासतौर पर यहां के आभूषण, नमकीन और तेल वाली कचौड़ी को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने का जिक्र किया।


